धर्मशाला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में आयोजित वॉकथॉन के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि सनातन धर्म की असली परिभाषा केवल कर्म, सेवा, दया और जरूरतमंदों की मदद में निहित है। उन्होंने उन नेताओं पर निशाना साधा जो सनातन धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट हासिल करते हैं।
सीएम ने बताया कि धर्मशाला में बच्चियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा था कि 'राधे-राधे' बोलने का क्या अर्थ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इसका सही जवाब नहीं दिया और आधा अधूरा अर्थ समझाया। सुक्खू ने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा के समय केंद्र में भाजपा की सरकार थी और उन्होंने आधे दिन की छुट्टी दी थी, जबकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार थी और पूरे दिन की छुट्टी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या पूजन, गोवर्धन पूजा जैसी परंपराएँ बचपन से सिखाई जाती हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनके पास हिमाचल के विकास के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है और उनका काम केवल वीडियो बनाने तक सीमित रह गया है। उन्होंने प्रदेश की संपदा लूटने का भी आरोप लगाया और बताया कि डबल इंजन की सरकार ने पांच साल में जनता की करोड़ों की संपत्ति को सस्ते दामों पर बेच दिया। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 4,500 बीघा जमीन मात्र 1.22 करोड़ रुपये में दे दी गई, जबकि उसकी वास्तविक कीमत करीब 5,000 करोड़ रुपये थी।
ऑल्टो कार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उन्होंने अपनी कमाई से खरीदी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गरीब परिवार से निकलने के नाते वे जनता के दर्द को समझते हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कोई निजी संपत्ति नहीं बनाई। उनका मानना है कि समाज ने जो कुछ उन्हें दिया है, उसे वापस समाज में ही निवेश करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझना और समाधान करना है। उन्होंने अपील की कि सभी नेता जनता के सेवा भाव को सर्वोपरि रखें और राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल न करें।