शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लिफ्ट के समीप ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी। इस दो करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले हाट का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के प्रमाणिक उत्पादों को प्रदर्शित करना और ग्रामीण उद्यमियों, विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की आय, पहचान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
हिमाचल हाट में 24-25 आधुनिक दुकानों की व्यवस्था होगी, जिसमें प्रदेश के सभी 12 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को स्थान मिलेगा। यहां हस्तशिल्प, हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद और पारंपरिक हिमाचली व्यंजन एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। इससे महिला उद्यमियों को स्थायी विपणन और आजीविका का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि हिम ईरा ब्रांड के तहत अब तक स्वयं सहायता समूहों की बिक्री से 25 लाख रुपये की आय हो चुकी है, जिसे भविष्य में और बढ़ाने की योजना है। सरकार ने फूड वैन भी उपलब्ध करवाई हैं, जिससे महिलाओं को लगभग 50,000 रुपये प्रति माह की आय हो रही है और जल्द ही 60 अतिरिक्त फूड वैन वितरित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में नागरिक सुविधाओं के उन्नयन के लिए भी कई परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें 145 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत लाइनों को भूमिगत करने के लिए यूटिलिटी डक्ट का निर्माण, चौबीसों घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना और सर्कुलर रोड को डबल-लेन में बदलना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से हिमाचल प्रदेश की आत्मनिर्भरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि हिमाचल हाट 4,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और आठ माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने महापौर सुरेंद्र चौहान और नगर निगम शिमला का भूमि उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद भी दिया।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेंद्र कंवर, सचिव राजेश शर्मा, ग्रामीण विकास निदेशक राघव शर्मा, एसआरएलएम के सीईओ शिवम प्रताप सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।