शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि जयराम ठाकुर के कार्यकाल में सब कुछ ठीक चलता, तो प्रदेश की वर्तमान स्थिति इतनी खराब नहीं होती। सुक्खू ने आरोप लगाया कि भाजपा के पिछले कार्यकाल की नीतियों और निर्णयों की वजह से हिमाचल प्रदेश का बेड़ा गर्क हुआ।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन की प्रक्रिया भी विस्तार से बताई। उन्होंने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य प्रोजेक्ट की डीपीआर और प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे नीति आयोग और केंद्रीय मंत्रियों की मंजूरी से गुजरना पड़ता है। इसके बाद राज्य सरकार और बैंकों के माध्यम से फंड जारी होता है। सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार केवल 28 प्रतिशत राशि देती है, जबकि शेष 72 प्रतिशत केंद्रीय मदद के रूप में मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि जीका और विश्व बैंक जैसी परियोजनाएं उनके प्रोजेक्ट हैं और वित्त आयोग की संस्तुति के अनुसार मदद दी जाती है।

विधानसभा शीत सत्र पर भी दिए संकेत
मुख्यमंत्री ने विधानसभा शीत सत्र को लेकर कहा कि सत्र नवंबर में रखा गया है, क्योंकि दिसंबर के अंत के दस दिन पर्यटन सीजन के कारण यातायात और होटल बुकिंग पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सत्र राज्य का सबसे लंबा सत्र होगा और विपक्ष से अपेक्षा है कि सभी मुद्दे तथ्यों के साथ उठाए जाएं। सुक्खू ने भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के भीतर पांच गुट बन चुके हैं और केवल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

पंचायत चुनाव पर मुख्यमंत्री का बयान
पंचायत चुनाव के संबंध में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया जारी है और समय पर ही चुनाव होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में डिजास्टर एक्ट लागू है, इसलिए सबसे पहले आपदा प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही सभी पंचायतों की सड़कों को खोल दिया जाएगा, चुनाव कराने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।