शिमला:  पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर मनरेगा को राजनीतिक एजेंडा के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। सोमवार को जारी बयान में जयराम ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों, ग्रामीणों और मजदूर वर्ग के हित में केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई “विकसित भारत जी-राम जी योजना” का विरोध सिर्फ राजनीति के चलते किया है।

जयराम ने कहा कि यह योजना केवल मजदूरी तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी आजीविका, कौशल विकास और आत्मनिर्भर गांवों के निर्माण की दिशा में ठोस कदम है। इसमें समयबद्ध भुगतान, तकनीक आधारित निगरानी और भ्रष्टाचार पर सख्त नियंत्रण सुनिश्चित किया गया है।

नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का विरोध राम नाम से एलर्जी और विकास विरोधी मानसिकता का परिणाम है। जयराम ने कहा, “जो रामराज और ग्रामोदय की सोच से डरता है, वह विकास के रास्ते में बाधा डालता है। देश की जनता जान चुकी है कि यह विरोध नीति के कारण नहीं, मानसिकता के कारण है।”

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री ने मनरेगा में राज्य हिस्से का भुगतान अगस्त के बाद से नहीं किया है। मजदूरी केवल केंद्र द्वारा दी गई राशि तक ही सीमित रही है। जयराम ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता आंकड़ों पर नजर डालते, तो उन्हें मोदी सरकार के तहत मनरेगा को मिलने वाली प्राथमिकता का पता चलता।

जयराम ठाकुर ने निष्कर्ष में कहा कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री सुक्खू केवल राजनीतिक लाभ के लिए केंद्र सरकार की सुधारात्मक पहलों का विरोध कर रहे हैं और मनरेगा के नाम पर जनता में भ्रम फैलाना उनके सियासी एजेंडे का हिस्सा है।