शिमला। हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों से कथित मारपीट के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। यह मामला सोमवार को शिमला के भट्ठाकुफर में एक पांच मंजिला इमारत गिरने के बाद का है, जब मंत्री घटनास्थल पर पहुंचे थे।
एनएचएआई के शिमला प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर ढली थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि मंत्री और उनके साथियों ने एनएचएआई के दो अधिकारियों को कमरे में ले जाकर मारपीट की, जिससे दोनों अधिकारी घायल हो गए। पीड़ित अधिकारियों ने उपचार के लिए स्वयं अपनी गाड़ी से आईजीएमसी पहुंचकर इलाज कराया।
मंत्री ने एनएचएआई पर साधा निशाना
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एफआईआर निराधार है और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में कोई दृश्य प्रमाण या साक्ष्य मौजूद नहीं है।
मंत्री ने एनएचएआई पर बड़े घोटालों का आरोप लगाते हुए कहा कि नेशनल हाईवे परियोजनाओं में गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि शिमला-कालका फोरलेन परियोजना में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, और ठेकेदारों व अधिकारियों के बीच सांठगांठ स्पष्ट दिख रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फोरलेन के निर्माण के कारण अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है, मगर मुआवजा कितनों को मिला यह सवाल बना हुआ है।
दिल्ली में इंजीनियरों का प्रदर्शन, गडकरी सख्त
घटना के विरोध में एनएचएआई मुख्यालय दिल्ली में इंजीनियरों और अधिकारियों ने ‘जस्टिस फॉर अचल’ के बैनर के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इसे बीते दो दशकों में किसी राज्य मंत्री द्वारा एनएचएआई अधिकारियों के साथ कथित मारपीट की पहली घटना बताया और इसकी कड़ी निंदा की।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। गडकरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए चेताया कि यदि राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो केंद्र की चल रही और भावी परियोजनाओं की समीक्षा करनी पड़ सकती है।
गडकरी ने कहा, “यह हमला केवल एक अधिकारी पर नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की गरिमा पर भी चोट है। सभी दोषियों के खिलाफ शीघ्र और अनुकरणीय कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने तलब किया मंत्री को
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री अनिरुद्ध सिंह को तलब किया है। मंत्री ने कहा कि वह फोरलेन के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों और अव्यवस्थित निर्माण कार्यों के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आरोपों का डटकर सामना करेंगे और सच्चाई सामने लाएंगे।
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