मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि सरकार के तीन साल के विकास कार्यक्रम के लिए कोई खर्च आपदा राहत कोष से नहीं किया जाएगा। सरकार अपने संसाधनों से ही इसे पूरा करेगी। उन्होंने यह बात वीरवार को विधानसभा सत्र के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही।

सुक्खू ने बताया कि 11 दिसंबर को मंडी में आयोजित होने वाले समारोह में आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि वितरित की जाएगी। उन्होंने भाजपा सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि तब टेंट पर 80-80 लाख रुपये और खाने-पीने पर 40-40 लाख रुपये खर्च किए जाते थे।

मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेता जयराम ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दबाव डालकर सत्ता पक्ष से आपदा प्रबंधन अधिनियम को हटवाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक सभी प्रभावित परिवारों को राहत राशि नहीं मिली है और कई सड़कें भी पूरी तरह बहाल नहीं हुई हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं हो रही हैं और पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। उनका कहना है कि एक से डेढ़ माह में आपदा राहत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

विधायकों के वेतन और भत्तों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक निधि जारी न होने और भत्तों के भुगतान में देरी हो रही है। जैसे ही ट्रेजरी की स्थिति सामान्य होगी, विधायकों को उनका बढ़ा हुआ वेतन और भत्ते दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विधायकों को बिजली, पानी, हाउस रेंट और आयकर का भुगतान करना होगा।