मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर में आयोजित वॉकथॉन के दौरान नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो युवा पहली बार नशे के शिकार हुए हैं, उन्हें अपराधी नहीं माना जाएगा। सरकार उनका पुनर्वास कर मुख्यधारा में लौटने में मदद करेगी। वहीं, जो लोग बार-बार नशा बेचने और सप्लाई करने में पकड़े जाएंगे, उनके लिए जेल ही एकमात्र विकल्प होगी।
सीएम ने न केवल युवाओं को जागरूक किया, बल्कि नशे के कारोबार में लिप्त सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन में शामिल काले धंधेबाजों की पहचान की जा रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सुक्खू ने बताया कि 15 नवंबर से यह अभियान शुरू हुआ और इसके पहले गहन अध्ययन किया गया कि किस तरह युवा वर्ग चिट्टे के जाल में फंस रहा है। उन्होंने कहा कि पहला कदम अवेयरनेस अभियान का था। अब यह अभियान अगले तीन महीनों में एक व्यापक आंदोलन का रूप लेगा।
प्रदेश की हर पंचायत में 'चिट्टा मुक्त ग्राम पंचायत' योजना भी लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य न केवल नशे की सप्लाई रोकना है बल्कि ग्रामीण स्तर पर जागरूकता फैलाना भी है।
वॉकथॉन में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी, पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर, कांग्रेस नेता विवेक कुमार और बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने खुद पैदल चलकर संदेश दिया कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई हर नागरिक का कर्तव्य है।