शिमला: राष्ट्रपति और राज्यपाल की मंजूरी के बाद आठ नए विधेयक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पटल पर रखे गए हैं। इनमें राज्य माल एवं सेवा कर संशोधन 2025, विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन 2025, मंत्रियों के वेतन और भत्ते संशोधन 2025, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन संशोधन 2025, सड़क मार्ग से कुछ माल पर कराधान संशोधन 2025, नगर निगम संशोधन 2025, लोकतंत्र प्रहरी सम्मान निरसन विधेयक 2023 और नगरपालिका संशोधन 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अनुमति के बाद सदन में रखा गया है और अब यह कानून का रूप ले चुके हैं।

नगर निगमों में बदलाव:
महापौर और उपमहापौर का कार्यकाल बढ़ाकर ढाई साल से पांच साल करने वाला विधेयक इसी सत्र में पेश किया जाएगा। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि कम कार्यकाल के कारण महापौर और उपमहापौर विकास कार्यों को प्रभावी रूप से लागू नहीं कर पाते।

वन विभाग और फायर वॉचर्स:
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में 88 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और 1,139 फायर वॉचर्स कार्यरत हैं, जिन्हें प्रतिदिन 425 रुपये मजदूरी दी जाती है। फायर वॉचर्स अस्थायी रूप से फायर सीजन में तैनात किए जाते हैं और नियमितीकरण की कोई योजना नहीं है।

स्मार्ट मीटर योजना:
पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत प्रदेश में 29.18 लाख स्मार्ट मीटर जुलाई 2026 तक लगाए जाएंगे। अब तक 6.05 लाख मीटर लग चुके हैं। इस परियोजना के लिए 4,115.75 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत है।

विश्वविद्यालय और प्रशासनिक अपडेट:
एचपीयू कर्मचारियों के अप्रैल, जुलाई, सितंबर और अक्टूबर 2025-26 के वेतन प्रशासनिक कारणों से समय पर नहीं दिए जा सके, जबकि मई, जून और अगस्त का वेतन समय पर भुगतान किया गया। कृषि विश्वविद्यालय की भूमि हस्तांतरण से जुड़ी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।

स्वास्थ्य सेवाएं:
हिमकेयर योजना के तहत लाभार्थियों को साल में चार बार कार्ड जारी किए जाते हैं। आपातकालीन स्थिति में अधिकतम 100 लोगों के कार्ड बनाने की अनुमति संबंधित अस्पतालों को है। अब तक 92 आपातकालीन कार्ड बनाए गए हैं।

प्राकृतिक आपदा और बुनियादी ढांचा:
धर्मपुर बस अड्डे को प्राकृतिक आपदा से लगभग 6.08 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसमें बसें, डीजल पंप और अन्य आधारभूत ढांचा शामिल हैं।

सामुदायिक और जनजातीय मामले:
पांगी घाटी में आठ पांगवाल महिलाओं का विवाह गैर-पांगवाल समुदाय से हुआ है। इनके बच्चों को जनजातीय प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं।

सड़क बुनियादी ढांचा:
मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन मार्ग के प्रभावित हिस्सों को अस्थायी रूप से खोल दिया गया है। प्रभावित हिस्सों पर बिटुमेन बिछाने की योजना है। मनाली क्षेत्र की 14 ग्रामीण सड़कों में से 11 को सभी वाहनों और 3 को छोटे वाहनों के लिए बहाल किया गया है। सड़क मरम्मत के लिए इस वित्तीय वर्ष में एनडीआरएफ से 50 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।

इस सत्र में विधानसभा प्रशासन, बुनियादी ढांचा, आपदा प्रबंधन और जनकल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले ले रही है, जो राज्य में सरकारी कामकाज और नागरिक सेवाओं को मजबूत करेंगे।