पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में हिमाचल प्रदेश की रेलवे परियोजनाओं की धीमी प्रगति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का सहयोग न मिलने और तय प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण प्रोजेक्टों में लंबी देरी हो रही है।
रेल मंत्रालय के लिखित जवाब में बताया गया कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेललाइन, जिसे कॉस्ट-शेयरिंग आधार पर मंजूरी दी गई थी, पर अब तक 5,252 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि राज्य का 1,843 करोड़ का हिस्सा अभी भी बाकी है। इस वजह से परियोजना का बाकी काम प्रभावित हुआ है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि हिमाचल में रेलवे प्रोजेक्टों के लिए आवश्यक कुल 124.02 हेक्टेयर भूमि में से केवल 82 हेक्टेयर ही उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा तीन नए लाइन प्रोजेक्ट्स कुल 214 किलोमीटर की लंबाई के हैं और इनकी मंजूरी लागत 17,622 करोड़ रुपये है। इनमें से 64 किलोमीटर कार्य शुरू हो चुका है, जिस पर अब तक 8,280 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्य सरकार से बकाया राशि तुरंत जारी करने और शेष भूमि जल्द सौंपने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने केंद्र, राज्य और रेलवे के अधिकारियों के समन्वय के लिए संयुक्त मॉनीटरिंग सेल बनाने की मांग की।