मंडी। हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की दो दिन की हड़ताल शनिवार को मंडी में जोर पकड़ गई। प्रदर्शन के दौरान एक कर्मचारी ने खुद को आग लगाने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद सहकर्मियों ने उसे रोक लिया।
प्रदर्शन और शव यात्रा
कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय मंडी में इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया और शहर में शव यात्रा निकाली। इस दौरान कंपनी प्रबंधन का पुतला भी जलाया गया। यूनियन के जिला प्रधान सुमित कपूर, महासचिव पंकज कुमार, संतोष कुमारी, ममता शर्मा, रजनी, तिलक राज, योगेश कुमार, चमन लाल, मनोज कुमार, रजनीश, हंस राज तथा सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा और सुरेश सरवाल ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
कर्मचारियों के आरोप
यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में 2022 में मेडस्वान फाउंडेशन कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए 1300 एंबुलेंस कर्मचारियों के साथ लंबे समय से शोषण किया जा रहा है। इससे पहले ये सभी कर्मचारी 2010 में GVK कंपनी के तहत काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें छंटनी भत्ता, ग्रेच्युटी और अन्य लाभ नहीं मिले।
कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता और 12 घंटे की ड्यूटी करवाई जाती है, लेकिन ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता। हिमाचल हाईकोर्ट, लेबर कोर्ट और श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद कंपनी का रवैया अपरिवर्तित है।
मानसिक प्रताड़ना और हड़ताल की वजह
कर्मचारियों ने बताया कि जब भी वे यूनियन के माध्यम से अपनी मांगें उठाते हैं, तो मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। इससे पहले भी दो बार एक-एक दिन की हड़ताल हो चुकी है, लेकिन कंपनी ने वेतन और ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया। इसलिए इस बार दो दिन की हड़ताल की जा रही है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
सीटू जिला महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि यदि कंपनी सरकारी नियमों के अनुसार वेतन, ओवरटाइम, छुटियां, वाहन मेंटीनेंस, बीमा और बीमारियों में वेतन नहीं देती, और यूनियन नेताओं के साथ होने वाली प्रताड़ना जारी रहती है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा हड़ताल को दबाने के लिए लागू एस्मा कानून की भी कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि किसी कर्मचारी के साथ भी अनुचित व्यवहार हुआ तो यूनियन कड़ा विरोध करेगी।