शिमला जिले के चिड़गांव क्षेत्र में नाबालिग बच्चे की आत्महत्या के मामले में आरोपी पुष्पा देवी को न्यायिक हिरासत में बनाए रखने का फैसला किया गया है। विशेष अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

अभियुक्ता पुष्पा देवी पर आरोप है कि उसने बच्चे को अपनी दुकान से कुछ सामान चुराने के शक में बंधक बनाया और मानसिक उत्पीड़न किया। इसके चलते बच्चा डिप्रेशन में आ गया और अंततः उसने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

मामले को और संवेदनशील बनाता है कि बच्चे की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि पुष्पा देवी ने उसे गोशाला में बंद कर दिया और बाहर निकालने के लिए बकरा मांगने की शर्त रखी। इसके साथ ही, बच्चा कथित तौर पर जाति के आधार पर भी अपमानित हुआ, जिसके चलते एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

अदालत में पेश किए गए कॉल डिटेल, वीडियो साक्षात्कार और फोरेंसिक रिपोर्ट्स ने पुष्पा देवी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए। जमानत याचिका खारिज करने का निर्णय इस आधार पर लिया गया कि आरोपी जमानत मिलने पर साक्ष्यों को प्रभावित कर सकती थी।