हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले गुरुवार सुबह विपक्ष ने परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर धारा 118 में प्रस्तावित संशोधन और आपदा राहत को लेकर सरकार की कथित राजनीति के विरोध में नारे लगाए। यह प्रदर्शन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में किया गया।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार आपदा राहत कोष का उपयोग तीन साल के जश्न के लिए कर रही है, जबकि पूरे राज्य में प्राकृतिक आपदा का प्रभाव अब भी बुरी तरह महसूस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राहत कार्यों के बजाय समारोह मनाना प्रतीत होती है।
उन्होंने धारा 118 में संशोधन को लेकर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस कदम से ऐसा लगता है मानो “हिमाचल को बेचने की तैयारी” की जा रही हो।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने सरकार के तीन साल के कार्यकाल को “व्यवस्था पतन के तीन साल” बताते हुए प्रदर्शन की शुरुआत विधानसभा के बाहर से कर दी है। उनका कहना है कि राज्यभर से बड़ी संख्या में लोग सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए शिमला पहुंच रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं, पेंशनरों, ओबीसी संगठनों और दृष्टि बाधित लोगों सहित कई समूह हाल के दिनों में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं।
शिमला में पीएम के पुतले को जलाने की घटना पर भी जयराम ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और पूछा कि आखिर इसे अनुमति किस आधार पर दी गई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी सीमाओं में रहते हुए काम करना चाहिए।