शिमला। हिमाचल प्रदेश सचिवालय में अब सभी अधिकारियों की सुबह 10 बजे तक कार्यालय हाजिरी अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह सख्त निर्देश दिए। हर विभाग में मुख्यमंत्री की घोषणाओं और परियोजनाओं की समीक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे, जो हर 15 दिन में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान सलाहकार आईटी को रिपोर्ट देंगे।
पंचायत चुनाव स्थगित, रद्द नहीं
सीएम सुक्खू ने सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि पंचायत चुनाव रद्द नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव स्थगित करना केवल सड़क संपर्क और आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति के कारण हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 23 जनवरी तक चुनाव संपन्न हो सकते हैं, और प्रभावितों को राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
सीएम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हर मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है। उन्होंने 2023 की आपदा का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा ने उस समय भी विशेष सत्र की मांग की थी और बाद में वाकआउट कर दिया था।
सर्दियों के लिए बिजली खरीद की तैयारियों पर जोर
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सर्दियों में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण नदियों में पानी का बहाव कम होता है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित होता है।
मुख्यमंत्री ने एचपी एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह केंद्र ऊर्जा व्यापार के क्षेत्र में राज्य को अधिकतम आर्थिक लाभ दिलाने में सहायक होगा। उन्होंने सेंटर को पेशेवर दक्षता के साथ काम करने और राज्य सरकार के सहयोग से इसकी कार्यक्षमता बढ़ाने का निर्देश भी दिया।
सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट में हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए बिजली की खरीद और बिक्री को व्यवस्थित करने हेतु ऊर्जा प्रबंधन केंद्र की स्थापना की गई है।