दृष्टिबाधित संघ के सदस्यों ने वीरवार को राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस और दृष्टिबाधितों के बीच धक्का-मुक्की के दौरान एक दृष्टिबाधित मुख्य सड़क से नीचे पार्किंग की नाली में गिर गया। इस व्यक्ति को चोटें आई हैं। पुलिस ने इसे आईजीएमसी में भर्ती करवाया है।
प्रदर्शनकारी दृष्टिबाधित लंबे समय से बैकलॉग भर्तियों की मांग कर रहे थे। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। साल 1995 के बाद से कोई भर्ती नहीं हुई है। विभिन्न विभागों में लंबित बैकलॉग कोटे के तहत भर्तियां होनी चाहिए। भर्तियां नहीं होने से दृष्टिबाधितों में सरकार के खिलाफ रोष है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दृष्टिबाधित संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। प्रदर्शन के कारण सचिवालय के बाहर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
घायल की दाईं टांग में फ्रेक्चर, होगा ऑपरेशन
वीरवार सुबह 11:00 बजे से दृष्टिबाधित मांगों को लेकर सचिवालय के सामने संजौली बस स्टॉपेज पर प्रदर्शन करने के लिए बैठ गए। इसके बाद दृष्टिबाधित प्रदेश सरकार से मांगों को पूरा करने के लिए सड़क पर बैठ गए, जिससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई। हालत यह रही कि सर्कुलर मार्ग पर कई वाहन दो-दो घंटे तक फंसे रहे। इस दौरान पुलिस ने दृष्टिबाधितों को सड़क से हटाने की कोशिश की भी लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे। इस दौरान धक्कामुक्की में असंतुलित होकर एक दृष्टिबाधित सड़क से नीचे पार्किंग के पीछे जा गिरा। पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर घायल को उपचार के लिए आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि घायल की दाईं टांग में फ्रेक्चर है। चिकित्सकों के मुताबिक घायल का ऑपरेशन करना पड़ेगा।
सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहे
बस स्टैड-संजौली मार्ग पर प्रदर्शन के कारण दोपहर के बाद सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहे। इस वजह से एचआरटीसी की शिमला-कालोनी समेत कई बसें ढाई घंटे तक फंसी रहीं। वहीं कई निजी रूट भी प्रभावित हुए। निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रधान सुनील चौहान ने बताया कि शहर में जाम के कारण बस ऑपरेटरों को खासी दिक्कतें और नुकसान झेलना पड़ा। कई सवारियां रास्ते में ही उतर गईं।