मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को शिमला में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में घोषणा की कि राज्य सरकार 15 नवंबर से ‘चिट्टा’ (सिंथेटिक ड्रग्स) के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू करेगी। यह तीन महीने तक चलने वाला बहुस्तरीय statewide अभियान होगा, जिसका लक्ष्य राज्य को नशे के जाल से पूरी तरह मुक्त करना है।
अभियान की शुरुआत 15 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से चौड़ा मैदान तक आयोजित “एंटी-चिट्टा रैली” से होगी। इस रैली का शुभारंभ स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। इसमें विधायकों, छात्रों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों की भागीदारी रहेगी।
सीएम सुक्खू ने कहा कि यह अब तक का सबसे व्यापक अभियान होगा, जिसमें राज्य, जिला और पंचायत स्तर तक समन्वित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस, प्रशासन, शिक्षा विभाग, स्वयंसेवी संस्थाएं और विद्यार्थी मिलकर नशा उन्मूलन की दिशा में कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की सबसे अधिक प्रभावित पंचायतों की पहचान कर ली गई है। वहां विशेष सतर्कता और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कॉलेजों में “एंटी-चिट्टा वॉलंटियर्स” तैयार किए जाएंगे, जो युवाओं को नशे से दूर रखने और जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
इसके साथ ही, प्रत्येक पंचायत में नशा निवारण समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों में सात सदस्य होंगे और वे हर महीने बैठक कर अपने क्षेत्र की रिपोर्ट पुलिस और प्रशासन को सौंपेंगी। समितियां स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अभियान की प्रगति की निगरानी वे स्वयं करेंगे। इस दौरान पुलिस विभाग में एक विशेष सेल गठित किया जाएगा जो समन्वय और कार्रवाई की दिशा तय करेगा।
बैठक में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह केके पंत, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव वित्त डॉ. अभिषेक जैन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।