उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि नशीले पदार्थ और मनोवैज्ञानिक युद्ध मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि पुलिस को इन खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की जरूरत है। प्रदेश में विध्वंसक तत्वों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की जरूरत है।
उत्तरी कश्मीर के बारमुला के शीरी में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 510 नए रंगरूटों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आपके सामने कई चुनौतियां हैं। आज सबसे बड़ा खतरा मादक पदार्थ और मनोवैज्ञानिक युद्ध है। ये दोनों मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।”

आरमनोज सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा बलों को सतर्क रहकर और रणनीति बनाकर इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पिछले तीन वर्षों में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समेत कई मोर्चों पर मजबूत हुआ है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब अपनी इच्छा के अनुसार अपना जीवन जी रहे हैं और अपने सपनों को साकार करने को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन ऐसे तत्व हैं जो अशांति पैदा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ विध्वंसक ताकतें हैं जो लोगों, गरीबों की प्रगति को रोकना चाहती हैं और हमें ऐसे तत्वों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनानी होगी।”
मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों और देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। उपराज्यपाल ने उन पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।