दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के हीरपोरा गांव के जंगल में भगवान शिव से जुड़ा एक प्राचीन पूजा स्थल मिला है। यहां एक बड़ी चट्टान पर प्राचीन लेखन के निशान और शिवलिंग के आकार की तीन आकृतियां झरोखे नुमा छोटे मंदिरों में हैं। इन्हें अतीत से जोड़कर देखा जा रहा है। यह पूजास्थल ग्रामीणों और जंगल के रास्तों की खोज करने वाले ट्रैकर्स को मिला है।
यह स्थल हीरपोरा के जंगल क्षेत्र में मुगल रोड से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पैदल ही पहुंचा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों से इसकी जांच और इसके इतिहास के बारे में जानने की मांग की है। स्थानीय निवासी वसीम वानी ने बताया कि यहां एक बड़ी चट्टान पर मंदिर के आकार के छोटे तीन झरोखों में शिवलिंग रखे गए हैं।
कुछ जानकारों का कहना है कि करीब 600 साल पहले यहां राजा अवंतिवर्मन और उसके भाई सूर्यवर्मन के जानिब ने यहां हीरपोरा (शोपियां का एक गांव) की बस्ती बसाई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां मंदिर बनाया गया था, जिसके निशान मिल रहे हैं। वसीम ने बताया कि कुछ समय पहले विभाग यहां रिसर्च के लिए आया था। इसे हम ‘पतुलपल’ बोलते हैं और हम चाहते हैं कि इस पूजा स्थल को संरक्षित किया जाए।
गौरतलब है कि इस खोज ने इतिहासकारों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों के बीच रुचि जगाई है, जो इस स्थल को संरक्षित करने के लिए तत्काल प्रयास करने का आग्रह कर रहे हैं। यह खोज कश्मीर में छिपे समृद्ध इतिहास की याद दिलाती है, जिसे खोजा और समझा जाना बाकी है। आगे के अध्ययनों से इस प्राचीन नक्काशी के बारे में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है। इसको लेकर जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि हम पुरातत्व विभाग के साथ इसकी जानकारी साझा करेंगे। इसके पूरे इतिहास के बारे में जानने की कोशिश कर इस स्थान को संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।