मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि संसद जब तक राज्य का दर्जा वापस नहीं देती, तब तक हम केंद्र शासित प्रदेश ही रहेंगे। विधानसभा में मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश शब्द के इस्तेमाल के साथ विधेयक पारित करने पर सदन में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के विधायकों ने आपत्ति जताई। आरोप लगाया की इस शब्द के साथ विधेयक पारित करना सदन की ओर से केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे को मंजूरी देना है।
इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने यूटी में चुनाव लड़ा, शपथ ली, सदन में अब तक के सभी काम यूटी के तौर पर किए, तब किसी ने वॉकआउट या आपत्ति नहीं जताई।मंगलवार को विधानसभा ने उमर सरकार का पहला विधयेक पारित हुआ। जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम, 2017 में संशोधन करने वाले विधेयक को पारित किया गया।
इस दौरान पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक सज्जाद गनी लोन ने केंद्र शासित शब्द पर आपत्ति जाते हुए सदन से वॉकआउट किया। इसके बाद सीएम ने कहा केंद्र शासित प्रदेश का जिक्र करने या न करने से कुछ नहीं बदलता। दुर्भाग्य से हम यूटी हैं और जब तक संसद राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती हम रहेंगे भी। इसलिए हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
वॉकआउट से कोई समाधान नहीं होता। मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा, हमें व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पोस्ट पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हमें राज्य का दर्जा वापस दिलाना है, उसमें यूटी शब्द को हटाने से वास्तविकता नहीं बदलेगी। सरकार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शासन कर रही है। वित्त विधेयक पारित करते हुए बार-बार यूटी शब्द का उल्लेख किया। तब सज्जाद गनी लोन ने वॉकआउट क्यों नहीं किया। कैबिनेट का प्रस्ताव हो या फिर दिल्ली में प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मुलाकात, हर बार राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग रखी है।