झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के घरेलू सहायक के घर से 32.2 करोड रुपए की नकदी जब्त की गई है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को बड़ा आरोप लगाया। झारखंड मंत्री ईडी रिमांड झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को छह दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेजा गया रांची, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को बृहस्पतिवार को छह दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। वकीलों ने यह जानकारी दी। 

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार जो नकदी बरामद की गई है वह मंत्री आलमगीर आलम से संबंधित है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि वह अपने विभाग में हर टेंडर में 1.5% का कमीशन लेते थे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने आलम के निजी सचिव संजीव और घरेलू सहायक जहांगीर आलम के घर छापा मारा था। इस दौरान टीम को 32.2 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। अब तक टीम कुल 37.5 करोड़ रुपये की नकदी बरामद कर चुकी है। 

ईडी ने दी जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया है कि जहांगीर आलम के नाम पर जो भी फ्लैट पंजीकृत है वहां से 32.2 करोड रुपए की नगदी बरामद हुई है जिसका संबंध आलमगीर आलम से है। इसे संजीव कुमार लाल के निर्देश पर इकट्ठा किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के पास लेटर हेड है।

लेटरहेड जैसी आधिकारिक दस्तावेज की मौजूदगी यह साबित करती है कि आलमगीर से संबंधित दस्तावेज, रिकॉर्ड, नगदी वह अपने पास रखते थे। जांच में सामने आया है कि संजीव कुमार लाल टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन लेने में भी अहम रोल निभाते थे। यह सारा कमीशन सरकार के उच्च अधिकारियों को बांटा जाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि कमीशन विभाग में कई अधिकारियों को दिया जाता था जो इस पूरे मामले में शामिल है।