झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची की एक स्पेशल कोर्ट से आज झटका लगा है. अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से सोरेन के लिए राहत की भी एक खबर आई है. सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई.

इस मामले को जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच सुन रही है. आज की सुनवाई के दौरान सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. सिब्बल ने कहा कि “जमीन से कोई लेना-देना नहीं है और अदालत ये बयान रिकॉर्ड कर सकती है.” इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि “मुझे लगा कि आपने इसे स्वीकार कर लिया है. सब कह रहे हैं कि आप जमीन के मालिक हैं.”

17 मई को अदालत सुनवाई के लिए तैयार

थोड़ी देर की और सुनवाई के बाद जस्टिस खन्ना ने इस मामले को जुलाई में सुनने की बात की. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि तब तक तो चुनाव निकल जाएंगे, इसीलिए इस मामले को जल्द सुना जाना चाहिए.

सिब्बल की बात पर गौर करते हुए अदालत ने ईडी को नोटिस जारी किया और जल्द सुनवाई की तारीख दे दी. दरअसल सुनवाई को लेकर भी अदालत में एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिला. सिब्बल ने सुनवाई जल्द कराने को लेकर एक अहम बात कह दी.

जुलाई में सुनवाई करने के सवाल पर सिब्बल ने साफ तौर पर कहा कि आप यो तो याचिका खारिज कर दें या अगले शुक्रवार को ही इसे सुन लें.आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार यानी 17 मई को इस मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया.

सुप्रीम कोर्ट को क्या सुनना है?

देश की सर्वोच्च अदालत इस मामले में यही सुनना है कि क्या हेमंत सोरेन की ईडी गिरफ्तारी अवैध थी? ईडी की गिरफ्तारी से पहले सोरेन ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

सोरेन ने जमानते के लिए झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन लंबी सुनवाई के बाद अर्जी खारिज हो गई. झारखंड हाईकोर्ट के फैसले में देरी को भी सोरेन के वकील सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में मुद्दा बनाया था.