मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के रांझी थाना क्षेत्र में कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। शनिवार देर रात सर्रापीपर नई बस्ती में चार बदमाशों ने चाकू और तलवार से तीन युवकों पर जानलेवा हमला कर दहशत फैला दी। इस हमले में गंभीर रूप से घायल सुमित चौधरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों में आक्रोश है। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है, यह दावा करते हुए कि समय पर कार्रवाई होती तो सुमित की जान बचाई जा सकती थी।
रांझी थाना क्षेत्र में दहशत
यह घटना 16 और 17 मई की रात करीब 3 बजे की है। मोहल्ले में गाली-गलौज की आवाज सुनकर बेलदारी का काम करने वाले गुरुचरण महोबिया (35) घर से बाहर निकले। उन्होंने देखा कि हेमंत तिवारी, अभिषेक फ्रांसिस, मॉर्टिन अन्ना और मनोज तिवारी हथियारों के साथ खड़े थे। गुरुचरण के मुताबिक, आरोपियों ने जातिगत गाली-गलौज करते हुए उन पर हमला किया और तलवार से सिर पर वार कर दिया।
सुमित की इलाज के दौरान मौत
गुरुचरण को बचाने पहुंचे सुमित चौधरी और शुभम चौधरी पर भी हमलावरों ने हमला कर दिया। सुमित के सिर में गंभीर चोटें आईं, जिससे वह बेहोश हो गया। अन्य घायलों ने किसी तरह वहां से भागकर जान बचाई। सभी घायलों को पहले रांझी अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान सुमित ने दम तोड़ दिया।
पहले भी हो चुका था हमला
परिजनों का कहना है कि आठ दिन पहले भी आरोपियों ने सुमित के घर पर पेट्रोल बम से हमला किया था, जिसकी शिकायत पुलिस से की गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। घटना के दिन भी जब परिजन पुलिस थाने पहुंचे, तो स्टाफ की गैरमौजूदगी का हवाला देकर उन्हें वापस लौटा दिया गया।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
पुलिस की निष्क्रियता से नाराज परिजनों ने आरोप लगाया कि समय पर हस्तक्षेप होता तो सुमित की जान बचाई जा सकती थी। फिलहाल रांझी पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपी फरार, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
घटना के बाद से ही चारों आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। स्थानीय लोग और परिजन पुलिस पर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि पहले की घटनाओं की शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस मामले ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।