मुंबई। 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी टाइगर मेमन और उसके परिवार की संपत्तियों पर अब केंद्र सरकार नीलामी की तैयारी में जुट गई है। एसएएफईएमए (SAFEMA) को टाडा की विशेष अदालत से मेमन परिवार की 17 संपत्तियों का पूरा ब्यौरा प्राप्त हुआ है, जिनमें से 8 संपत्तियों पर कब्जा ले लिया गया है।

इन जब्त संपत्तियों में माहिम स्थित अल हुसैनी बिल्डिंग के तीन फ्लैट भी शामिल हैं, जहां टाइगर मेमन अपने परिवार पांच भाइयों और मां के साथ रहा करता था।

साजिश का केंद्र रहे फ्लैट

जांच एजेंसियों के अनुसार, 12 मार्च 1993 को हुए बम धमाकों की साजिश इन्हीं फ्लैटों में रची गई थी। मेमन परिवार के पास इमारत की पांचवीं और छठी मंजिल पर तीन फ्लैट थे, जिन्हें विस्फोटों के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने जब्त कर लिया था। करीब 34 साल बाद, अप्रैल 2024 में इन फ्लैटों को औपचारिक रूप से खोला गया।

नीलामी की तैयारी

केंद्रीय एजेंसियों ने जब्त संपत्तियों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन परिसंपत्तियों की नीलामी दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में शुरू की जा सकती है।
मेमन परिवार की चार संपत्तियां अब भी अदालत में विवादित हैं, जबकि पांच संपत्तियों पर कब्जे की प्रक्रिया जारी है।

अन्य संपत्तियां

परिवार की प्रमुख संपत्तियों में मुंबई के वाकोला के कोले कल्याण क्षेत्र में लगभग 10,000 वर्ग मीटर का एक भूखंड शामिल है, जिसकी अनुमानित कीमत 400 करोड़ रुपये बताई जा रही है। हालांकि, इस जमीन पर अतिक्रमण होने के कारण एसएएफईएमए को अभी तक नियंत्रण नहीं मिल सका है।
इसके अलावा, जवेरी बाजार, बांद्रा, और कुर्ला के कपाड़िया नगर में स्थित फ्लैटों और संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
दक्षिण मुंबई के मनीष मार्केट में टाइगर मेमन और मोहम्मद डोसा के संयुक्त स्वामित्व वाली चार दुकानों पर कब्जे को लेकर मामला अदालत में लंबित है।

अब भी फरार है टाइगर मेमन

12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। टाइगर मेमन तब से फरार है और माना जाता है कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है।
इस मामले में उसके भाई याकूब मेमन को 2015 में फांसी दी गई थी, जबकि अन्य परिवार के सदस्यों को टाडा अदालत ने विभिन्न अवधि की कैद की सज़ा सुनाई थी।