महाराष्ट्र में स्थानीय और निकाय चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने हाल ही में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा था कि "सबके मोबाइल और व्हाट्सऐप पर निगरानी रखी जा रही है" — जिसके बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इस बयान को लेकर बावनकुले पर गंभीर आरोप लगाए और मांग की कि उनके खिलाफ मामला दर्ज कर तुरंत गिरफ्तारी की जाए।
बावनकुले ने दी सफाई, कहा—बयान का गलत अर्थ निकाला गया
विवाद बढ़ने के बाद मंत्री बावनकुले ने शुक्रवार को अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के करीब एक लाख व्हाट्सऐप ग्रुप पार्टी के ‘वॉर रूम’ से जुड़े हुए हैं, जिन पर कार्यकर्ताओं की गतिविधियों और संवाद पर नजर रखी जाती है ताकि चुनावी रणनीति को सशक्त बनाया जा सके।
बावनकुले ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों को वॉर रूम में मॉनिटर किया जाता है, जिससे यह समझा जा सके कि सरकार की योजनाएं जनता तक कितनी प्रभावी ढंग से पहुंच रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी अपने ग्रुपों में आने वाले संदेशों के आधार पर जनभावना का आकलन करती है और उसी के अनुसार चुनावी रणनीति तैयार की जाती है। “अगर कोई नकारात्मक टिप्पणी आती है तो उसे हटाया जाता है और सकारात्मक माहौल बनाया जाता है। यह हमारे संगठनात्मक काम का हिस्सा है,” उन्होंने कहा।
चुनावी दावा: महायुति को 51% वोट मिलने का विश्वास
स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बावनकुले ने दावा किया कि भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी के गठबंधन ‘महायुति’ को राज्य में 51 प्रतिशत वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा, “महा विकास आघाड़ी चाहे जितनी एकजुट हो जाए, उसे न जिला परिषदें मिलेंगी और न ही नगर परिषदें।”
उन्होंने यह भी बताया कि टिकट वितरण को लेकर विवाद से बचने के लिए हर जिले में तीन नेताओं की कमेटी गठित की गई है। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे गठबंधन के भीतर मतभेद से दूर रहें और विपक्ष को ही असली प्रतिद्वंदी मानें।
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस में संवाद की कमी के कारण कई नेता भाजपा का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस में योग्य पदाधिकारियों की अनदेखी की जाती है, जबकि भाजपा में कोई भी कार्यकर्ता वरिष्ठ नेताओं से सीधे संवाद कर सकता है। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”