महाराष्ट्र व कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को सदन में सर्वसम्मति से पास किया गया। उन्होंने कहा, किसी भी परिस्थिति में महाराष्ट्र के बेलगाम, कारवार, निपानी, भालकी, बीदर शहरों और कर्नाटक के 865 मराठी भाषी गांवों को शामिल करने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी।

शिंदे ने कहा, केंद्र सरकार को केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक में लिए गए निर्णय को लागू करने के लिए कर्नाटक सरकार से अपील करना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जानी चाहिए। 

इससे पहले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उम्मीद जताई थी कि यह प्रस्ताव बहुमत से पारित होगा। इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना नेता व पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया। 

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फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर नाम लिए बगैर पलटवार करते हुए कहा, 'मैं हैरान हूं कि जो लोग कल बोल रहे थे, उन्होंने 2.5 साल सीएम रहते हुए क्यों कुछ नहीं किया। सीमा विवाद हमारी सरकार बनने के बाद पैदा नहीं हुआ है।' 


फडणवीस ने कहा कि यह विवाद महाराष्ट्र के गठन और भाषाई आधार पर राज्यों के गठन के समय शुरू हुआ था। यह सालों से चला आ रहा विवाद है। हम इस मामले में कभी राजनीति नहीं करते हैं और उम्मीद करते हैं कि कोई भी इस पर राजनीति न करे। फडणवीस ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को महसूस करना चाहिए कि समूचा महाराष्ट्र उनके साथ है।

बता दें, सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना बाला साहेब ठाकरे गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने सीमा विवाद को लेकर शिंदे की चुप्पी पर सवाल उठाया था। इसके साथ ही उन्होंने यह विवाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा हल किए जाने तक कर्नाटक के विवादित क्षेत्रों को 'कर्नाटक के कब्जे वाला महाराष्ट्र'  (KOM) करार देते हुए केंद्र सरकार से इस इलाके को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने मांग की कि यह मांग महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाए जा रहे प्रस्ताव में शामिल की जाना चाहिए। 

उद्धव की मांग पर अजित पवार ने कही यह बात
इस बीच, राकांपा नेता व महाराष्ट्र के विपक्षी नेता अजित पवार ने कहा कि हमें सीमा विवाद को लेकर लाए जा रहे प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। हम हमारी राय रखेंगे। हम सीमावर्ती महाराष्ट्रीयन लोगों के साथ हैं। यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो विवादित क्षेत्र को केंद्र सरकार संघ शासित घोषित कर सकती है या नहीं। 

विपक्षी विधायकों ने मराठी लोक गीत गाकर किया प्रदर्शन
इस बीच, नागपुर विधान भवन की सीढ़ियों पर विपक्षी विधायकों ने आज अनूठा प्रदर्शन किया। उन्होंने परंपरागत मराठी लोकगीत गाते हुए राज्य सरकार की नीतियों, कथित धांधलियों और शिंदे सरकार के मंत्रियों के कथित भ्रष्टाचार का जिक्र किया। 

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