मुंबई में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुँच गया है और शहर में ग्रैप-4 पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। मझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली ईस्ट, अंधेरी ईस्ट, चकाला, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई है।

बीएमसी ने इन इलाकों में सभी निर्माण कार्यों और धूल उड़ाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी है। 50 से अधिक निर्माण स्थलों को नोटिस जारी कर काम रोकने के आदेश दिए गए हैं। बेकरी और मार्बल कटिंग यूनिट्स समेत छोटे उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाने या कार्रवाई झेलने के लिए कहा गया है। हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं, जिसमें इंजीनियर, पुलिसकर्मी और GPS-ट्रैक गाड़ियां शामिल हैं, जो प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है, सिवाय 10वीं और 12वीं के, और सरकारी व प्राइवेट कार्यालयों में घर से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। भारी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है।

शहरवासियों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सेलिब्रिटी और विपक्षी पार्टियां सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के ठोस कदम उठाने की मांग कर रही हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है। उच्च न्यायालय ने बीएमसी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राज्य स्वास्थ्य विभाग और नागरिक समाज के सदस्यों की एक पांच सदस्यीय टीम गठित की है, जो शहर के प्रमुख निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेगी और दस दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।