खनौरी किसान मोर्चे पर मंगलवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल मीडिया के सामने आएंगे। इस दौरान वह पत्रकार वार्ता कर देश वासियों को संदेश देंगे। चिकित्सकों के अनुसार डल्लेवाल को बुखार होने के कारण उनके शरीर में दर्द भी है। उन्होंने कहा जब से डल्लेवाल को बाहर खुली हवा व धूप में लाया जाता है तो उनकी तबियत में काफी हद तक बदलाव हुए हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल का हालचाल जानने के लिए पटियाला एसएसपी नानक सिंह सोमवार को पहुंचे।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि खनौरी मोर्चे पर 28 जनवरी सुबह 10 बजे जगजीत सिंह डल्लेवाल स्वयं मीडिया के माध्यम से देशवासियों को संदेश देंगे। कोहाड़ ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर देशभर में दोपहर 12 से 1:30 बजे तक किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर रहे।

उन्होंने कहा कि पंजाब में 500 से अधिक जगहों पर एवं हरियाणा में 200 से अधिक जगहों पर किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर आए। इसी तरह तमिलनाडु में 50 जगहों पर, उत्तरप्रदेश में 40 जगहों पर, कर्नाटक में 22 जगहों पर एवं राजस्थान में 20 जगहों सहित तमाम राज्यों में किसानों ने बड़ी संख्या में ट्रैक्टर मार्च के कार्यक्रम में भाग लिया।

वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में 26 जनवरी को मध्यप्रदेश के अशोक नगर में किसानों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल के फोटो हाथ में लेकर हजारों बाइकों की यात्रा निकालने की तैयारियां की थी, लेकिन सुबह ही किसान नेता जसदेव सिंह, धर्मपाल संधू समेत तमाम पदाधिकारियों के घर पुलिस पहुंच गई और उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया।

नेताओं ने सवाल उठाया कि यह लोकतंत्र है क्या 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व मनाने का अधिकार सिर्फ राजनेताओं और अधिकारियों को ही है। नेताओं ने कहा कि देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खुद के राज्य में किसानों की आवाज को इस तरह कुचलने के प्रयास क्यों किया जा रहा है।

ये रहेंगे आगामी कार्यक्रम
किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर, 12 फरवरी को दातासिंहवाला-खनौरी मोर्चे पर और 13 फरवरी को शंभू मोर्चे पर किसानों की बड़ी महापंचायत होगी।

जगजीत डल्लेवाल के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने से गुरेज नहीं- टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत सोमवार को कुलतारण गांव में पहुंचे। यहां पर वे एक किसान की मौत पर शोक प्रकट करने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने किसानों के साथ भी बैठक की। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर कड़ा हमला बोला। टिकैत ने कहा कि 14 फरवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में किसानों की मांगों पर चर्चा होगी। उन्होंने जगजीत डल्लेवाल के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन को पूरा समर्थन देने की बात कही। 

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी निशाना साधा। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में बाहर की फसल भी बिकती थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां के किसानों की फसल मंडियों में आती तो है, लेकिन बिकती नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमएसपी सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। किसान नेता ने सरकार की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बड़े व्यापारियों का कर्ज माफ कर रही है, जबकि छोटे दुकानदार और किसान-मजदूरों की अनदेखी कर रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही 70 प्रतिशत जमीन उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी। साप्ताहिक बाजारों को खत्म करने की साजिश की भी बात कही। टिकैत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ही स्पष्ट हो गया था कि सरकार किसानों के हित में नहीं सोच रही। उन्होंने सरकार से जल्द समाधान निकालने की मांग की और कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।