पंजाब में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। शनिवार को जिन चार जिलों में धुस्सी बांध टूटे थे, वहां रविवार को दिनभर मरम्मत कार्य चलता रहा। राहत और बचाव कार्य में सेना व एनडीआरएफ की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। राज्य के सभी 23 बाढ़ प्रभावित जिलों के 2050 गांवों में अब तक करीब 3.88 लाख लोग बेघर हो चुके हैं, जबकि 20 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
राज्य सरकार ने अब तक 22,938 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इसके साथ ही 219 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 5404 लोगों को अस्थायी आश्रय मिला है।
अब तक 48 मौतें, हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि बाढ़ से अब तक 1,76,980 हेक्टेयर से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा है। अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पठानकोट जिले से तीन लोग लापता हैं।
सीएम ने की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को फोर्टिस अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, डीजीपी गौरव यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति तक भोजन, चिकित्सा और अन्य जरूरी मदद पहुंचाने में कोताही न बरती जाए।
सीएम ने विशेष जोर दिया कि बाढ़ के पानी से कटे इलाकों में भी राहत सामग्री हर हाल में पहुंचाई जाए। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान बाढ़ पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने और उनके टूटे घरों को दोबारा बसाने पर केंद्रित है।
विपक्ष ने साधा निशाना
आप नेता अनुराग ढांडा ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है, लेकिन राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से पंजाब को कोई मदद नहीं मिल रही, जबकि राज्य का 60 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया है।