मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में गुरुवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक हुई है. वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब विधानसभा का बजट सत्र मार्च में आयोजित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इससे पहले पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 24 और 25 फरवरी को आयोजित किया जाएगा.
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विशेष सत्र कुछ लंबित विधेयकों और विधायी कार्यों के लिए आयोजित किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कैबिनेट की बैठक को लेकर कहा कि इसमें पंजाब के युवाओं के रोजगार पर चर्चा हुई है. काफी समय से कैबिनेट बैठक नहीं हुई थी इसलिए कई एजेंडे इस बैठक में थे. आखिरी कैबिनेट बैठक 8 अक्तूबर 2024 को बुलाई गई थी.
NRI से जुड़े मामलों के लिए 6 स्पेशल कोर्ट
चीमा ने कहा कि कुछ बिल और संवैधानिक कामकाज लंबित था इसलिए ये सत्र बुलाया गया है. अब तक 50 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरी हम दे चुके हैं. कुछ पद राज्यपाल कार्यालय में सृजित किए हैं. उन्होंने कहा कि तेजाब हमले के पीड़ितों को मासिक पेंशन 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने को मंजूरी दी गई है. ट्रांसजेंडर भी इसके दायरे में आएंगे.
चीमा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने गांवों में तैनात चौकीदार का मासिक भत्ता 1,250 से बढ़ाकर 1,500 रुपए करने को भी मंजूरी दी है. वहीं, कुल 822 भर्ती स्वास्थ्य विभाग में की जाएंगी. इसके लिए 3 हजार से ज्यादा पद आज सृजित किए गए हैं. साथ ही बताया कि पंजाब में NRI से जुड़े मामलों के लिए 6 स्पेशल अदालतें बनाई जाएंगी. इसमें 4 कोर्ट एडिशनल जज और 2 लोअर कोर्ट होंगी.
EWS के लिए हर कॉलोनी में प्लॉट
राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर में स्पेशल कोर्ट बनाया जाएगा. वहीं, कैबिनेट बैठक में डॉक्टरों को सैलरी बढ़ाने का भी फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि EWS के लिए आज तक पूर्व सरकारों में कोई एक प्लॉट नहीं दिया गया. जबकि ये नियम है हर कॉलोनी में जहां डेवलपमेंट होता है वहां 5 फीसदी प्लॉट EWS को देने होते हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली किसी सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. हमने ऐसी 700 एकड़ जमीन चिन्हित की है जिसे ओपन मार्केट में बेचा जाएगा. इससे जो पैसा आएगा उससे 1500 एकड़ जमीन अलग-अलग शहरों में खरीदेंगे और उसे डेवलप करके गरीब तबके के लोगों को दिया जाएगा. साथ ही कहा कि 6th वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को पेंशन का बकाया पंजाब सरकार देगी. इस फैसले से 1400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.