हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के सात दिन बाद राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजने का फैसला लिया है। इससे पहले रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया का तबादला किया जा चुका था।

वाई पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार और उनके विधायक भाई अमित रतन कोटफत्ता के साथ कई दलित संगठनों ने लगातार डीजीपी और एसपी को पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग की थी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 अक्तूबर को सोनीपत के राई में होने वाली जन विश्वास-जन विकास रैली भी स्थगित कर दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मंगलवार को वाई पूरन कुमार के परिजनों से मिलने से पहले सरकार ने यह कदम उठाया है। राहुल गांधी मंगलवार सुबह भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य नेताओं के साथ चंडीगढ़ पहुंचेंगे, जबकि चिराग पासवान दोपहर में परिजनों से मुलाकात करेंगे।

एफआईआर में शामिल हैं कई वरिष्ठ अधिकारी
वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एसपी नरेंद्र बिजरानिया समेत 15 अधिकारियों के खिलाफ उत्पीड़न और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राजनीतिक हस्तक्षेप तेज
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात कर न्याय की मांग की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से डीजीपी और एसपी को पद से हटाने की सिफारिश की। वहीं, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लूभट्टी विक्रमार्का, झारखंड कांग्रेस प्रभारी राजू और इनलो प्रमुख अभय चौटाला समेत कई नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर समर्थन जताया।

सरकार समाधान की कोशिश में
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के विदेश से लौटने के बाद राज्य सरकार ने मामले के समाधान के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की। अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम होने की संभावना है।

विधायक कोटफत्ता की सख्त मांग
अमनीत पी कुमार के भाई और आप विधायक अमित रतन कोटफत्ता डीजीपी और एसपी के निलंबन व गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं। पंजाब के कई मंत्री, जिनमें हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह और रवजोत शामिल हैं, सोमवार को परिवार से मिलने पहुंचे। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और मनीष सिसौदिया भी संवेदना व्यक्त कर चुके हैं।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच हरियाणा सरकार पर राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जबकि पुलिस प्रशासन के शीर्ष स्तर पर फेरबदल की प्रक्रिया जारी है।