पंजाब में मूसलधार बारिश से हाहाकार, कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा

पंजाब के सात जिलों में रविवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, रोपड़ और मोहाली को लेकर चेतावनी दी है। पठानकोट में शनिवार रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते नदियां उफान पर हैं और कई गांवों का संपर्क कट गया है।

पठानकोट सीमा क्षेत्र में उज्ज और जलालिया दरिया उफान पर हैं। इससे मंगाल गांव को जोड़ने वाली सड़क बह गई। कंडी क्षेत्र में धार कलां के पास फर्शी खड्ड में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं कोठे मनवाल और खानपुर के बीच तेज बहाव से एक दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया। शहर की सड़कों पर जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

चक्की खड्ड का जलस्तर बढ़ने पर वार्ड नंबर-12 स्थित सैली कुलियां क्षेत्र को खाली कराया गया। पठानकोट-चंबा-डल्हौजी नेशनल हाईवे पर पानी आने से ट्रैफिक जाम हो गया और कई किलोमीटर तक वाहन फंसे रहे। जलालिया दरिया का पानी खेतों में घुस आया है, जबकि कंडी क्षेत्र में नेशनल हाईवे-154ए पर भूस्खलन होने से यातायात ठप पड़ा है। पठानकोट-जुगयाल मार्ग पर भी भूस्खलन हुआ है।

रणजीत सागर डैम का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। फिलहाल जलस्तर 527.91 मीटर है, जो तय सीमा से महज दो मीटर नीचे है। प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और जरूरत पड़ने पर फ्लड गेट खोले जाने की तैयारी है।

इसी बीच जालंधर, अमृतसर, मोगा और बठिंडा सहित कई अन्य जिलों में भी बारिश का दौर जारी है।

हिमाचल से बढ़ा खतरा

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से पौंग, भाखड़ा और आरएसडी बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना हजारों क्यूसेक पानी नदियों और नहरों में छोड़ा जा रहा है, जिससे पंजाब के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने फाजिल्का के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।

शनिवार को रणजीत सागर डैम का स्तर 524.94 मीटर दर्ज किया गया था। एक्सईएन रणजीत सिंह ने बताया कि 525 मीटर तक पहुंचने पर फ्लड गेट खोलने होंगे, जिससे आसपास के इलाके जलमग्न हो सकते हैं। अलर्ट के लिए डैम प्रशासन लगातार सायरन बजा रहा है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। पौंग बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण ब्यास दरिया उफान पर है। नदी किनारे बसे गांवों में खतरे की स्थिति बनी हुई है। दो दिन में ब्यास का जलस्तर 1.16 लाख क्यूसेक से बढ़कर 1.74 लाख क्यूसेक तक पहुंच चुका है। बाबा बकाला साहिब के एसडीएम अमनप्रीत सिंह ने नदी किनारों पर जाने पर रोक लगाते हुए अलर्ट जारी किया है।

हुसैनीवाला बैराज से पाकिस्तान की ओर छोड़ा पानी

चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, हुसैनीवाला बैराज का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। तीन दिन में करीब तीन लाख क्यूसेक पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ा गया है। शनिवार को ही एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जल स्रोत मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी है। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

प्रशासन की अपील

पठानकोट के डीसी आदित्य उप्पल ने लोगों से अपील की है कि वे दरियाओं और नालों के किनारों से दूर रहें। बाढ़ जैसी स्थिति होने पर तुरंत कंट्रोल रूम (नंबर: 01862-346944) पर संपर्क करने को कहा गया है। राहत कार्यों के लिए प्रशासन ने गांव-गांव में क्लस्टर स्तर पर सहायता केंद्र बनाए हैं।

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