उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और अपराधी मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी को रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन अलॉट करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। सीएम भगवंत मान द्वारा यह जमीन उन्हें अलॉट करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया था।
अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार पृथपाल सिंह बलियावाल ने नए कागज पेश किए हैं। बलियावाल ने आरोप लगाया कि उस जमीन की लीज दो बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने बढ़ाई। यह वही दस्तावेज है जिसे खुद मुख्यमंत्री ने जारी किया है, लेकिन शायद वह इसे पढ़ना भूल गए। लगता कि अब मुख्तार अंसार की सीएम से दोस्ती हो गई है।
बलियावाल ने बताया कि जुलाई 2022 और फरवरी 2023 में लीज बढ़ाई गई। इसके लिए बाकायदा 81 हजार 100 और 89 हजार 500 रुपये भी जमा करवाए गए। इस दौरान आम आदमी पार्टी की सरकार थी। मुख्तार अंसारी के मामले में मुख्यमंत्री कह रहे कि रणइंदर को सब पता है जबकि कैप्टन सरकार में रणइंदर के पास सरकार में कोई पद नहीं था। वहीं, दूसरी तरफ आप के प्रवक्ता मलविंदर कंग का कहना है कि असली मुद्दा अंसारी को पंजाब की जेल में सुरक्षित रखना, उसे जेल में रखने के लिए पंजाब के लोगों के पैसे से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ना और उसके बेटों को जमीन अलॉट करना है।
दो साल रोपड़ की जेल में रहा था मुख्तार अंसारी
पिछली कांग्रेस सरकार के समय में मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल से पंजाब लाया गया था। वह करीब दो साल तक पंजाब की जेल में रहा था। यूपी पुलिस ने उसे वापस ले जाने के लिए 25 बार रिमांडर भेजे, लेकिन उस समय की सरकार ने हर बार उसे बहाने से रोकने की कोशिश की। इसके बाद जब यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट गई तो पंजाब सरकार ने एक निजी वकील कर शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखा था। इस दौरान करीब 55 लाख रुपये का बिल आया था। मौजूदा सरकार इस बिल की वसूली अब उस समय के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से करना चाहती है। इसके लिए उन्हें नोटिस तक जारी किए गए हैं। इसी के बाद से पंजाब की राजनीति में नया विवाद छिड़ गया था।