बस्ती। जनपद के कई प्रमुख मदरसों में नेपाली मुस्लिम छात्रों के बिना वैध पंजीकरण धार्मिक शिक्षा लेने का मामला सामने आने से सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई है। जांच में पता चला है कि बड़ी संख्या में विदेशी छात्र लंबे समय से नियमों को दरकिनार कर मदरसों में ठहरे हुए थे और दीनी तालीम हासिल कर रहे थे।

यह खुलासा गृह मंत्रालय के निर्देश पर चलाए गए विशेष सत्यापन अभियान के दौरान हुआ। सूत्रों के मुताबिक, जिले में विदेशी छात्रों की मौजूदगी की पड़ताल के लिए सी-फॉर्म डेटा का गहन विश्लेषण किया गया, जिसमें एक बड़े मदरसे सहित अन्य संस्थानों में सौ से अधिक नेपाली छात्रों के बिना पंजीकरण अध्ययनरत होने की जानकारी सामने आई। कुछ अन्य मदरसों में भी नेपाल के नागरिकों के ठहरने और पढ़ाई करने की पुष्टि हुई है।

नियमों के अनुसार, भारत में ठहरने वाले प्रत्येक विदेशी नागरिक का विवरण संबंधित संस्थान या व्यक्ति द्वारा स्थानीय पुलिस अथवा एफआरआरओ में सी-फॉर्म के माध्यम से दर्ज कराना अनिवार्य है। जांच में यह पाया गया कि कई विदेशी छात्रों का विवरण सी-फॉर्म में दर्ज ही नहीं कराया गया था। इसके अलावा, जिन वीजा शर्तों पर वे भारत आए थे, उनमें धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने की अनुमति नहीं थी।

वीजा नियमों का उल्लंघन
जांच एजेंसियों के अनुसार, अधिकांश नेपाली छात्र टूरिस्ट वीजा या अन्य श्रेणी के वीजा पर भारत आए थे, जबकि धार्मिक अध्ययन के लिए स्टडी वीजा आवश्यक होता है। यह स्थिति भारतीय वीजा नियमों का गंभीर उल्लंघन मानी जा रही है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और छात्रों की पहचान कर नोटिस जारी करने व डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा रहा है।

मदरसा प्रबंधन पर कार्रवाई की तैयारी
जिन मदरसों ने विदेशी छात्रों को बिना पंजीकरण ठहराया, उनके प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि इस पूरे प्रकरण के पीछे कोई बड़ी साजिश या सुरक्षा से जुड़ा खतरा तो नहीं है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह मामला आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा है और विदेशी छात्रों के पंजीकरण व वीजा अनुपालन की अब नियमित व सख्त जांच की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

उप निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग बस्ती, प्रियंका अवस्थी ने बताया कि हाल ही में वाराणसी में मदरसा प्रबंधकों की कार्यशाला आयोजित कर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि विदेशी छात्रों के अध्ययन की स्थिति में अनिवार्य रूप से ऑनलाइन सी-फॉर्म पंजीकरण कराया जाए। अब नेपाल के छात्रों के बिना पंजीकरण पढ़ने का मामला संज्ञान में आया है और इसकी गहन जांच की जा रही है।