उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन में बड़े फेरबदल की अटकलों के बीच गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। मुलाकात को भले ही नियमित बताया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे आगामी बदलावों के संदर्भ में अहम माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम का ऐलान अब बहुत जल्द हो सकता है। संभावित दावेदारों में केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह जैसे कई नाम चर्चा में हैं।

हाल ही में भाजपा ने प्रांतीय परिषद के सदस्यों की सूची जारी की थी, जिसके बाद से यह संकेत मिल रहे हैं कि शीर्ष पद के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश संगठन की गतिविधियों और भविष्य की रणनीति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की।

मतदान प्रक्रिया की रूपरेखा

अब पार्टी को केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का इंतजार है। उनके दिशानिर्देश आते ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस चुनाव में प्रांतीय परिषद के सदस्यों के साथ-साथ प्रदेश के भाजपाई विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत, तथा यूपी कोटे के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत मतदाता होंगे। वर्तमान में भाजपा के पास 258 विधायक, 79 एमएलसी, 33 लोकसभा और 24 राज्यसभा सांसद हैं।

ओबीसी नेतृत्व को प्राथमिकता?

पार्टी के अंदर चर्चा है कि भाजपा इस बार प्रदेश में ओबीसी नेतृत्व पर दांव लगा सकती है, ताकि विपक्ष के पीडीए (PDA) सामाजिक समीकरण को संतुलित किया जा सके। दावेदारी में केशव प्रसाद मौर्य, स्वतंत्रदेव सिंह और धर्मपाल सिंह के नाम प्रमुखता से उभर रहे हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद का नाम भी विकल्पों की सूची में शामिल बताया जा रहा है।
सूत्र दावा कर रहे हैं कि पार्टी का एक वरिष्ठ नेता अपने मौजूदा पद के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष पद भी अपने पास रखना चाहता है, जिससे अंदरखाने चर्चा और तेज हो गई है।