लखनऊ। गरीबी और कठिन परिस्थितियों से जूझ रही कानपुर की 20 वर्षीय खुशी गुप्ता के जीवन में बुधवार को उम्मीद की किरण चमकी। अपनी बनाई हुई तस्वीरों के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपने दर्द और आशाओं को पहुँचाने की खुशी की कोशिश रंग लाई।

मुख्यमंत्री ने खुशी और उसके परिवार को अपने सरकारी आवास पर आमंत्रित किया। इस दौरान उन्होंने न केवल खुशी के उज्जवल भविष्य के लिए सहायता का आश्वासन दिया, बल्कि परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए आवास और शिक्षा संबंधी जिम्मेदारियाँ भी उठाने का भरोसा दिया।

खुशी अपने पिता कल्लू गुप्ता, माता गीता गुप्ता और भाई जगत गुप्ता के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुँची। उसके पिता पहले संविदा गार्ड की नौकरी करते थे, जो अब समाप्त हो चुकी है, जबकि उसकी मां घरों में काम करके परिवार का खर्च चलाती हैं। खुशी अपने साथ प्रधानमंत्री मोदी का चित्र भी लेकर आई थी। मुख्यमंत्री ने उसे पास बुलाकर उसकी बनाई सभी तस्वीरों को ध्यानपूर्वक देखा।

खुशी की कहानी दृढ़ निश्चय और साहस की मिसाल है। 22 नवंबर को वह बिना किसी को बताए घर से निकली और सिर्फ एक ही उद्देश्य था—मुख्यमंत्री को अपने हाथ से बनाई तस्वीर देना। राजधानी पहुँचने के बाद रास्ता भटकने पर वह लोकभवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हजरतगंज पुलिस ने उसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया और परिवार को सूचना दी। पढ़ी-लिखी न होने के बावजूद खुशी अपने पिता और मुख्यमंत्री के नाम लिख सकती थी।

सीएम योगी ने खुशी के लिए कानपुर स्थित मूकबधिर कॉलेज में शिक्षा की व्यवस्था कराने का वचन दिया। इसके अलावा, उसकी पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट के लिए मोबाइल और टैबलेट भी प्रदान किए गए। सरकार उसके कान के इलाज और परिवार के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी।