जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोडीन कफ सिरप मामले में अपने खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें “राजनीतिक कारणों” से इस प्रकरण में घसीटा जा रहा है। धनंजय ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव “क्षत्रिय विरोधी मानसिकता” के चलते उनका नाम उछाल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि उनके मानहानिकारक बयान देने वालों पर वे अदालत का रुख करेंगे।

धनंजय सिंह ने कहा कि कफ सिरप तस्करी की जांच कई एजेंसियों—एसआईटी, ईडी और पुलिस—द्वारा की जा रही है और वे स्वयं यह मामला सीबीआई को सौंपे जाने की मांग कर चुके हैं। “जांच रिपोर्ट आने दीजिए, सब साफ हो जाएगा,” उन्होंने कहा।
विधायक अभय सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए धनंजय ने उन पर माफिया बबलू श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के नजदीक होने का दावा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह से पारिवारिक संबंध हैं, लेकिन उसके कारोबारी गतिविधियों की जानकारी होने से इंकार किया।

तीन दिन की रिमांड पर आलोक सिंह और अमित सिंह

कफ सिरप तस्करी गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल के साथ जुड़े आरोपियों—बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा—की तीन दिन की कस्टडी रिमांड सीजीएम कोर्ट ने मंजूर कर दी है। शुक्रवार से रविवार तक एसटीएफ दोनों से पूछताछ करेगी।

गौरतलब है कि फर्जी फर्मों के माध्यम से कफ सिरप की अवैध सप्लाई में सहयोग करने के आरोप में वाराणसी निवासी अमित सिंह और चंदौली के पूर्व सिपाही आलोक सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रारंभिक पूछताछ में सहयोग न करने पर एसटीएफ ने कोर्ट से रिमांड की मांग की थी।

एसटीएफ अब दोनों से सिंडिकेट के नेटवर्क, विदेश भागने की कोशिश, तथा राजनेताओं और अपराध जगत से संभावित संबंधों को लेकर पूछताछ करेगी। बताया जाता है कि आलोक, शुभम, अमित और फरार विकास सिंह नरवे—ये सभी पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी माने जाते हैं।