लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिवसीय ‘रोजगार महाकुंभ 2025’ का उद्घाटन करते हुए प्रदेश के युवाओं को न्यूनतम वेतन और सम्मानजनक रोजगार की गारंटी देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी नियोक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर सकेगा। नियुक्ति देने वाली कंपनियों को कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना होगा, जबकि इसके अतिरिक्त शुल्क की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
प्रदेश में न्यूनतम वेतन की गारंटी
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा, जहां काम करने वाले हर युवा को न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतन की गारंटी मिलेगी। उन्होंने युवाओं को प्रदेश की ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि आज यूपी की प्रतिभा की मांग देश-दुनिया में हो रही है। इसी अवसर पर विदेश में नौकरी पाने वाले 15 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल का शुभारंभ
सीएम ने श्रम विभाग के श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट और ई-कोर्ट पोर्टल का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री मन्नू लाल कोरी और प्रमुख सचिव श्रम एमकेएस सुंदरम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
परंपरागत और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना ने परंपरागत उद्यमों को नई पहचान दी है। कोरोना काल में लौटे 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों में 90 प्रतिशत को एमएसएमई इकाइयों ने रोजगार दिया। पंजीकरण करवाने वाले उद्यमियों को पांच लाख रुपये का सुरक्षा बीमा भी उपलब्ध कराया गया।
सीएम योगी ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान और पीएम विश्वकर्मा योजनाओं के तहत बढ़ई, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे परंपरागत कामगारों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की जानकारी दी। इसके अलावा, सीएम युवा उद्यमी स्कीम के तहत 70,000 से अधिक युवा जुड़ चुके हैं।
नई तकनीक और विदेश रोजगार की तैयारी
उत्तर प्रदेश स्टार्टअप मिशन और स्किल डेवलपमेंट मिशन के माध्यम से युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई तकनीक की ट्रेनिंग दी जा रही है। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई लैब और कोर्स शुरू किए गए हैं। विदेश भेजने से पहले युवाओं को विदेशी भाषाओं की जानकारी भी दी जा रही है।
श्रमिकों की सुरक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के हितों की सुरक्षा और उद्योगों की सुचारुता सुनिश्चित करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार किए जाने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से श्रमिक का शोषण नहीं होने दिया जाएगा और उनका पूरा वेतन अनिवार्य रूप से मिलेगा।