लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में नई डिजिटल व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है। अब पेंशन के लिए पात्रों की पहचान और सत्यापन फैमिली आइडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के माध्यम से स्वतः किया जाएगा। इससे किसी भी पात्र व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद पेंशन सीधे खाते में मिलने लगेगी।
समाज कल्याण विभाग इसे पहले अमेठी, कासगंज, गोरखपुर, ललितपुर और बस्ती जिलों में पायलट आधार पर लागू करेगा। इसके साथ ही सभी जिलों के लिए 30 दिनों के भीतर विस्तृत एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में वर्तमान में लगभग 67.50 लाख वृद्धजन वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं। नई व्यवस्था में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्धजन को आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। फैमिली आइडी में मौजूद उम्र और परिवार के विवरण से सिस्टम स्वतः निर्धारित करेगा कि कौन पेंशन के पात्र हैं। आगामी 90 दिनों में 60 वर्ष पूरे करने वाले लोगों के नाम भी अपने-आप सिस्टम में जुड़ जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल. वेंकटेश्वर लू ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फैमिली आइडी आधारित सत्यापन प्रक्रिया संवेदनशीलता के साथ लागू की जाए। लाभार्थियों की सहमति मोबाइल एसएमएस, व्हाट्सएप या फोन कॉल के माध्यम से ली जाएगी और पेंशन का भुगतान डीबीटी के जरिए समय पर सुनिश्चित किया जाएगा।
नई प्रक्रिया में जीवन प्रमाण-पत्र की जांच, संदिग्ध लाभार्थियों की सूची, गलत भुगतान रोकना और डेटा की नियमित समीक्षा जैसे कदम शामिल होंगे। मृतक या अपात्र लाभार्थियों के मामलों का तुरंत निस्तारण किया जाएगा।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि हर पात्र व्यक्ति को सम्मानजनक पेंशन सुनिश्चित हो। उनका कहना है कि फैमिली आइडी प्रणाली लाखों वृद्धजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।