लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र के रदाखिना गांव के किसान शिवप्रकाश (50) 25 दिन पहले घर से अगवा कर लिए गए थे। पुलिस के अनुसार, उनके बड़े भाई और जमीन के दलालों ने मिलकर उनकी हत्या की और शव को उन्नाव ले जाकर पेट्रोल डालकर जला दिया। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता और जमीन दलाल सुजीत श्रीवास्तव (नगराम) भी शामिल हैं। एडीसीपी साउथ रालापल्ली बसंत कुमार ने बताया कि आरोपी सीसीटीवी में पकड़ से बचने के लिए पूरे रास्ते सर्विस लेन का इस्तेमाल कर रहे थे।
शिवप्रकाश की मां ने पिता के निधन के बाद अपनी जमीन की वसीयत छोटे बेटे शिवप्रकाश के नाम कर दी थी। यह जमीन एक बड़ी प्राइवेट प्लॉटिंग कंपनी के प्रोजेक्ट में शामिल थी और इसकी कीमत करोड़ों में थी। बड़े भाई ने पहले अपना हिस्सा बेच दिया और फिर मां को अपने पास ले जाकर उनसे जबरन पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई, जिससे वह मां के हिस्से की जमीन भी बेच सके।
शिवप्रकाश ने इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद कोर्ट में केस दर्ज कराया और लगातार पैरवी की। इसके चलते प्लॉटिंग कंपनी ने दलालों पर दबाव डाला कि दस्तावेज सही करें, नहीं तो पैसा वापस करना होगा। इससे गुस्साए दलाल सुजीत श्रीवास्तव और उसके साथी लगातार शिवप्रकाश को धमकियां देते रहे। 14 नवंबर को उन्होंने उसे घर से अगवा कर लिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी शिवप्रकाश को कार में डालकर रायबरेली की ओर ले गए और रास्ते में ही गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को उन्नाव के बीघापुर क्षेत्र में ले जाकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और हाईवे किनारे फेंक दिया। 18 नवंबर को अधजला शव मिला था, जिसकी शिनाख्त परिवार ने शिवप्रकाश के रूप में की थी।
पुलिस ने सोमवार तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी सुजीत श्रीवास्तव समेत सभी दलालों को पकड़ा गया है, लेकिन बड़ा भाई अभी भी फरार है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।