मेरठ कोतवाली के गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में अदालत आज सजा सुनाएगी। हत्याकांड में अदालत ने इजलाल कुरैशी और शीबा समेत 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सभी आरोपी जेल में हैं। कचहरी में बड़ी संख्या पुलिस और पीएसी तैनात रहेगी। किसी को भी चेकिंग के बिना अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।
आज बहस पूरी, अब होगा सजा का एलान
गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में वादी पक्ष और सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि ये हत्याकांड जघन्य हत्याकांड की श्रेणी में आता हैं, ऐसे में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाए। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि मुलजिमों का पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। शवों के टुकड़े नहीं किए गए, यह सिर्फ मीडिया ट्रायल है। ऐसे में यह दुर्लभ श्रेणी में नहीं आता है। वादी पक्ष के वकील की तरफ से बहस की गई कि जानवरों जैसा सलूक हुआ, छुरे से गले काटे गए, गोलियां मारी गई, पाइपों से पीटा गया। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं। इसलिए ऐसे दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज डायस से उठ गए। लंच के बाद कभी भी वह अपना फैसला सुनाएंगे।
ये थी घटना
23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले। इनकी पहचान मेरठ निवासी सुनील ढाका(27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि(22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्ज्वल(23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की। पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
शीबा को हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में 16 साल बाद दो अगस्त को अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 पवन कुमार शुक्ला ने इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श और शीबा सिरोही पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया। दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी है। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। परवेज की हाईकोर्ट में अपील पेंडिंग है। इन सभी दोषियों को आज अदालत सजा सुनाएगी।

क्रूरता की हदें की पार, उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान
इजलाल और शीबा सिरोही के बीच दोस्ती थी। तीनों युवक इसका विरोध करते थे। कई बार इजलाल से मारपीट और कहासुनी भी हुई। इसके बाद इजलाल ने सुनील ढाका, सुधीर उज्ज्वल और पुनीत गिरी से करीबियां बढ़ा लीं। पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक 22 मई 2008 की रात तीनों को बात करने के बहाने गुदड़ी बाजार में बुलाया। तीनों एस्टीम कार से गुदड़ी पहुंचे। सुधीर का वहां पर इजलाल से विवाद हो गया। इसके बाद इजलाल ने उसको गोलियां मारकर कत्ल कर दिया।
अपने भाइयों और साथियों के साथ सुनील और पुनीत को घर के बाहर चबूतरे पर पकड़ लिया। बुरी तरह से लोहे के पाइप से पीटा गया। गला काट दिया गया। आंखें फोड़ दी गईं। तीनों लाशों को कार की डिग्गी में ठूंसकर बागपत जिले में बालैनी थाना क्षेत्र में हिंडन नदी किनारे गाड़ी को छोड़ दिया। जिन धाराओं में आरोपियों को दोषी माना गया है कि उनमें उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है।

मेरठ में रहा था अभूतपूर्व बंद
तिहरे हत्याकांड की गूंज लखनऊ तक रही। घटना के विरोध में हजारों छात्र सड़कों पर आ गए। हत्याकांड के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हुए।
इन धाराओं में दिए गए हैं दोषी करार
इजलाल कुरैशी निवासी गुदड़ी बाजार थाना कोतवाली
दोषी : 147,148, 201, 364, 404, 411, 302 आईपीसी और 25 आर्म्स एक्ट
मेहराज कुरैशी पुत्र मेेहताब
दोषी : 147,148, 201, 364, 404, 411, 302 आईपीसी और 25 आर्म्स एक्ट
वसीम उर्फ नसीरुद्दीन कुरैशी
दोषी : 147,148, 201, 364, 404, 411, 302 आईपीसी

रिजवान कुरैशी
दोषी : 147,148, 201, 364, 404, 411, 302 आईपीसी
अफजाल कुरैशी (इजलाल का भाई)
दोषी : 147,148, 201, 364, 411, 302 आईपीसी
बदरूद्दीन कुरैशी (इजलाल का जीजा)
दोषी : 147,148, 201, 364, 411, 302 आईपीसी
अब्दुल रहमान
दोषी : 147,148, 201, 364, 411, 302 आईपीसी
इजहार कुरैशी
दोषी : 147,148, 201, 364, 411, 302 आईपीसी
शीबा
दोषी : 302, 109 हत्या के लिए उकसाने की दोषी
चालक मन्नू उर्फ देवेंद्र आहूजा
दोषी : 147,148, 201, 364, 411, 302 आईपीसी