करीब 700 से अधिक लोगों से लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी रविंद्रनाथ सोनी की ब्लूचिप सहित अन्य कंपनियों के भारत से जुड़े लेन-देन सामने आए हैं। इस कड़ी में सोमवार को दुबई में रहने वाले एक एनआरआई ने पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल से मुलाकात कर करीब ढाई करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित का दावा है कि निवेश की रकम का बड़ा हिस्सा भारत की दो कंपनियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कराया गया था।
दुबई निवासी इंजीनियर एस. चौहान ने बताया कि ब्लूचिप कंपनी की ओर से उन्हें लगातार कॉल किए गए और निवेश पर हर महीने तीन प्रतिशत मुनाफे का भरोसा दिलाया गया, जिसे सालाना 36 प्रतिशत लाभ के रूप में पेश किया गया। कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर अभिषेक सिंघल ने उन्हें योजना समझाई और एक भव्य प्रमोशनल कार्यक्रम में बुलाया, जिसमें सोनू सूद, खली और मिस इंडिया जैसे सेलिब्रिटी भी मौजूद थे। इस दौरान उनकी कई बार रविंद्रनाथ सोनी से भी मुलाकात हुई।
चौहान के अनुसार, निवेश की गई राशि में से 1.32 करोड़ रुपये ब्रह्मांड इंटरप्राइजेज और 58 लाख रुपये नादिया पॉलिमर्स के खातों में जमा कराए गए। यह रकम इंदौर से ट्रांसफर की गई थी। इसके अलावा करीब 60 लाख रुपये ब्लूचिप कंपनी द्वारा बताए गए अन्य खाते में डाले गए। यह निवेश सितंबर से दिसंबर 2023 के बीच किया गया था। शुरुआती ढाई महीनों में उन्हें लगभग 25 लाख रुपये का मुनाफा भी दिया गया, जिससे भरोसा और बढ़ गया।
जांच में सामने आया है कि ब्रह्मांड इंटरप्राइजेज का खाता आईसीआईसीआई बैंक और नादिया पॉलिमर्स का खाता आईडीबीआई बैंक में है। पुलिस का मानना है कि इस पूरे नेटवर्क में देश की अन्य कंपनियों की भूमिका भी सामने आ सकती है। पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने बताया कि दोनों कंपनियों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि उनके खातों में इतनी बड़ी रकम क्यों जमा कराई गई और क्या इससे पहले भी किसी एनआरआई की राशि ली गई थी।
पीड़ित ने यह भी बताया कि ढाई करोड़ रुपये निवेश करने के बदले उन्हें कुल 13 चेक दिए गए थे, जिन पर छह, 12 और 18 महीने की अवधि में मिलने वाले ब्याज का उल्लेख था। हालांकि जब ये चेक दुबई के एमिरेट्स एनबीडी बैंक में लगाए गए तो सभी बाउंस हो गए। इसके बाद पीड़ित परिवार ने वहां की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर जांच जारी है।
फिलहाल भारतीय पुलिस और एसआईटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और विदेशी निवेशकों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की परतें खंगाली जा रही हैं।