उरई। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की गोली लगने से हुई मौत के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा से जुड़े कई रहस्य सामने आए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि मीनाक्षी वर्ष 2022 से कई थानों के सिपाहियों और दारोगाओं को अपने प्रेम जाल में फंसा कर ब्लैकमेल करती रही है।
सूत्रों के अनुसार, मीनाक्षी ने पहले पीलीभीत के पूरनपुर थाने में तैनात एक सिपाही मोहित को अपने जाल में फंसाकर उससे 25 लाख रुपये की मांग की थी। इसके बाद उसका यह खेल बरेली और फिर जालौन तक जारी रहा। उसके इस काम में पिता और भाई भी सहयोगी रहे। रविवार को जेल जाते समय उसके पिता ने उसे मनोबल बढ़ाया था कि वह जल्दी उसे छुड़वाएंगे।
मीनाक्षी की मोबाइल जांच में पता चला कि उसने सिर्फ तीन दिनों में 100 से अधिक कॉल की थीं, जिसमें व्हाट्सऐप कॉल भी शामिल हैं। इसके अलावा उसके फोन पर कोंच, नदीगांव, कुठौंद और उरई के कई सिपाही भी संपर्क में पाए गए, जिनसे जांच चल रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय को उनके कमरे में गोली लगी थी। उसी समय मीनाक्षी कमरे से चिल्लाती हुई बाहर भाग गई थी। बाद में उन्हें मेडिकल कालेज में मृत घोषित कर दिया गया। मृतक की पत्नी माया देवी ने मीनाक्षी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद उसे जेल भेजा गया।
इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की गई है। टीम पूरे मामले की गहन पड़ताल कर रही है और जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी, जो मुकदमे की विवेचना में शामिल होगी।
यह मामला न केवल हत्या की दिशा में गंभीर है, बल्कि मीनाक्षी के ब्लैकमेलिंग के नेटवर्क और उससे जुड़े कई पुलिस कर्मियों की भूमिका भी सामने आने लगी है।