दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित नारायण फार्म हाउस में रविवार को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस मौके पर उनके सहयोगियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें याद किया और समाज व प्रदेश के लिए किए गए उनके कार्यों की प्रशंसा की।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वी.एम. सिंह ने कहा कि सत्यपाल मलिक किसानों के सच्चे हितैषी और बड़े नेता थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में जब उन्होंने गन्ना किसानों की लड़ाई हाईकोर्ट में लड़ी और अदालत ने 900 करोड़ रुपये के तत्काल भुगतान का आदेश दिया, तो सबसे पहले सत्यपाल मलिक ने ही उन्हें फोन कर उनकी सराहना की, जबकि उस समय वे एक-दूसरे को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते थे। सिंह के अनुसार, उनकी यही विशेषता उन्हें महान बनाती है, जिसका प्रमाण है कि आज अलग-अलग दलों के नेता उनकी श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।
जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष बलराज चौधरी ने कहा कि सत्यपाल मलिक साफ छवि के राजनेता थे और उन्होंने समाज, राज्य और देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान ने कहा कि उन्हें जितना सम्मान मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला। भाजपा ने भी उन्हें वह पहचान नहीं दी जिसके वे हकदार थे।
पूर्व एमएलसी जगत सिंह ने याद किया कि छात्र राजनीति से ही वह उनके साथ रहे। उनके अनुसार, सत्यपाल मलिक निडर होकर बोलते थे और समाज को नई दिशा देने वाले नेता थे।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन रोहित जाखड़ ने किया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद केसी त्यागी, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, पूर्व विधायक सत्येंद्र सोलंकी, पूर्व राज्य मंत्री अयूब अंसारी, सपा नेता सत्यप्रकाश, विनीत भराला, जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक, एडवोकेट सरवन चौधरी, गौरव जाटोली, अमरजीत पवार और बाबर खरदोनी सहित कई लोग मौजूद रहे।