मेरठ। सरधना के अलीपुर गांव से वाराणसी के लिए निकला विशेष का परिवार बृहस्पतिवार सुबह भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार कार के ट्रक से टकराने पर विशेष, उनके 10 वर्षीय पुत्र अक्ष और पत्नी के ममेरे भाई नवनीत की मौके पर ही मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हैं, जो जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। हादसे ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया।
अलीपुर गांव निवासी विशेष पुत्र ओमवीर अपने परिवार के साथ धार्मिक यात्रा पर वाराणसी जा रहे थे। कार में पत्नी डोली, बेटा कार्तिक और अक्ष, बेटी अंशिका और नवनीत सवार थे। घर से निकलते समय किसी को अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा बन जाएगी।
बृहस्पतिवार सुबह आजमगढ़ जिले के मुबारिकपुर क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कार आगे चल रहे ट्रक में जा घुसी। टक्कर इतनी भयावह थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। सूचना मिलते ही पुलिस और राहतकर्मी मौके पर पहुंचे। कार को काटकर घायलों को बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक तीन जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश हो चुकी थीं।
हादसों से नहीं उबर पाया परिवार
विशेष का छोटा भाई दिनेश भी करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था और अब तक बिस्तर पर ही है। इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। गांव के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे लेकिन शब्द भी कम पड़ गए।
गांव में पसरा सन्नाटा
पिता और बेटे की एक साथ मौत से अलीपुर गांव में सन्नाटा छा गया है। हर गली-मोहल्ले में बस इस हादसे की ही चर्चा है। लोग ईश्वर से घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं, जबकि मृतकों के घरों से उठती सिसकियां माहौल को और गमगीन बना रही हैं। विशेष खेती के साथ-साथ टैक्सी चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे।
सीमित आमदनी के बावजूद बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे। ग्रामीणों के अनुसार विशेष सरल स्वभाव का और धार्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था। उसकी असमय मौत से ग्रामीणों को गहरा सदमा पहुंचा है।
एक पल में उजड़ गया परिवार
विशेष के परिवार की खुशियों की तैयारी एक पल में मातम में बदल गईं। वाराणसी जाने की योजना में बच्चों के उत्साह और धार्मिक आस्था का समावेश था। नवनीत के लिए रिश्ते की बातचीत होनी थी, परंतु हादसे ने इस योजना को हमेशा के लिए रोक दिया। गांव के लोग अभी भी हादसे की दहशत से उबर नहीं पाए हैं।
विशेष के छोटे भाई दिनेश की गंभीर चोटों के कारण पहले से ही परिवार दुख में था। अब इस हादसे ने परिवार के सदस्यों और पूरे गांव के लिए गहरे दुख का पहाड़ खड़ा कर दिया है। ग्रामीण बताते हैं कि विशेष अपने बच्चों के भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करता था। बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतों के लिए अपने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं का त्याग करता था। उसकी असमय मौत ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव के लोगों की आंखों में आंसू भर दिए हैं।