रामपुर: रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पासपोर्ट मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर हुए। यह अब्दुल्ला की जन्मतिथि बदलने से जुड़े मामलों में तीसरी सजा है।
लगभग दो सप्ताह पहले ही आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड से जुड़े मामले में सात-से-सात साल की सजा दी गई थी। 2023 में दो बर्थ सर्टिफिकेट मामले में भी दोनों को सात-से-सात साल की सजा मिली थी। फिलहाल दोनों रामपुर जेल में बंद हैं।
फर्जी पासपोर्ट का मामला 2019 का है और इसे बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर सिविल लाइंस थाना में दर्ज कराया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम और अन्य ने जाली दस्तावेजों का उपयोग कर दो अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए। इनमें से एक पासपोर्ट में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी, जो उनके शैक्षिक रिकॉर्ड के अनुसार सही है, जबकि दूसरे पासपोर्ट में 1990 दिखाई गई थी।
अब्दुल्ला आजम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 (फर्जीवाड़ा) और 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने उन्हें 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि अब तक जेल में काटा गया समय इस सजा में जोड़ा जाएगा।