गोरखपुर से सांसद और लोकप्रिय अभिनेता रवि किशन को शुक्रवार देर रात उनके निजी मोबाइल नंबर पर जान से मारने की धमकी भरे कई फोन कॉल्स मिले, जिससे हड़कंप मच गया। कॉल करने वाले ने न केवल अपशब्द कहे, बल्कि सांसद की धार्मिक आस्था और परिवार को लेकर भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया।

रवि किशन बोले: यह ‘एंटी-सनातन’ ताकतों की साजिश

मामले को गंभीर बताते हुए रवि किशन ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शनिवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह कोई सामान्य धमकी नहीं, बल्कि देश में सक्रिय एंटी-सनातन ताकतों की साजिश है। ये लोग हिंदू संस्कृति और राष्ट्रवादी विचारधारा के खिलाफ काम कर रहे हैं। किसी सांसद और कलाकार को इस तरह धमकाना बेहद गंभीर मामला है। इसके पीछे संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं, कानून अपना काम करेगा और दोषी को सजा मिलेगी।”

राजनीतिक साजिश का आरोप

रवि किशन ने आरोप लगाया कि धमकियों के पीछे राजनीतिक मंशा है, जो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी हुई है। भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में लगातार बिहार में प्रचार कर रहे रवि किशन ने कहा, “विपक्ष यह जान चुका है कि जनता अब उनके झांसे में नहीं आएगी, इसलिए अब डर फैलाने की राजनीति की जा रही है। मुझे धमकी दी गई कि अगर बिहार गया तो जान से मार देंगे, लेकिन मैं वहां जाऊंगा और जनता से सच कहूंगा।”

एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी

रामगढ़ ताल थाना में इस मामले की एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक, कॉल करने वाला व्यक्ति अज्ञात है और नंबर वर्चुअल आईडी से जुड़ा हुआ है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि कॉल की लोकेशन ट्रेस की जा रही है और मामले में साइबर सेल की मदद ली जा रही है। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 302, 351(3) और 352 के तहत दर्ज हुआ है।

‘यह धर्म और विचारधारा पर हमला’- रवि किशन

रवि किशन ने कहा, “यह धमकी सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि धर्म और सनातन संस्कृति पर हमला है। एंटी-सनातन सोच रखने वाले समझ लें कि मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं एक कलाकार के साथ-साथ कर्मयोगी भी हूं और धर्म, देश और संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।”

इस बीच गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से अपराधी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपी जल्द पकड़ा जाएगा। रवि किशन ने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो सच्चाई और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाता है।”