शामली। यूपी के शामली जिले के कांधला क्षेत्र में पांच दिन से लापता महिला और उसकी दो बेटियों का मामला अब एक सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड में तब्दील हो गया है। पुलिस पूछताछ में गंगेरू गांव निवासी फारुख ने अपनी पत्नी ताहिरा और दोनों बेटियों की हत्या कर शव घर के आंगन में दबाने की बात स्वीकार की है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पत्नी ताहिरा और बड़ी बेटी आफरीन की गोली मारकर हत्या की, जबकि छोटी बेटी सहरीन की गला दबाकर जान ली। इसके बाद तीनों के शव घर के आंगन में शौचालय निर्माण के लिए पहले से खोदे गए गड्ढे में दफना दिए गए।

पांच दिन से लापता थीं मां-बेटियां
ताहिरा और उसकी दोनों बेटियां बीते पांच दिनों से लापता थीं। आरोपी के पिता दाउद ने अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी थी। पूछताछ के दौरान फारुख के बयान लगातार बदलते रहे, जिससे पुलिस को संदेह हुआ। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली।

घटना स्थल पर खुदाई, गांव में सन्नाटा
हत्या की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम ने आरोपी के घर पहुंचकर आंगन की खुदाई शुरू कराई, जहां से तीनों शव बरामद किए गए। एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। घटना के खुलासे के बाद गांव में दहशत का माहौल है और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए।

पारिवारिक विवाद बना हत्या की वजह
पुलिस जांच में सामने आया है कि करीब एक माह पहले फारुख और उसकी पत्नी के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ था। पत्नी ने खर्च न देने का आरोप लगाया था और नाराज होकर मायके मुजफ्फरनगर के नारा गांव चली गई थी। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पत्नी के बिना बुर्का घर से बाहर जाने को उसने अपनी बदनामी से जोड़ा और इसी बात को लेकर उसने वारदात को अंजाम दिया।

आरोपी को पीटने की कोशिश, पुलिस ने संभाला हालात
हत्याकांड का खुलासा होने के बाद जब पुलिस देर रात आरोपी को उसके घर से थाने ले जा रही थी, तभी मृतका के मायके पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की और मारपीट का प्रयास किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया।

मृतका के पिता ने की सख्त सजा की मांग
मृतका के पिता अमीर ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि इस जघन्य अपराध में अन्य लोगों की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि शवों को दफनाने की प्रक्रिया अकेले व्यक्ति के लिए आसान नहीं थी। पुलिस ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।