संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार को हंगामेदार शुरुआत के साथ शुरू हुआ। मुख्य रूप से वोटर सूची सुधार (एसआईआर) को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सदन में 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी' होनी चाहिए। इस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ा पलटवार किया।
अखिलेश यादव ने कहा कि वोटर सूची सुधार प्रक्रिया को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, इसे 'ड्रामा' समझना लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या बूथ लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) की मौतें भी 'ड्रामा' हैं। उनका कहना था कि यदि वोटर सूची से कोई वोट कट जाता है, तो आम नागरिक का अधिकार प्रभावित होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने नोएडा की बड़ी आईटी कंपनियों के जरिए यूपी में वोटर डेटा तक पहुँच हासिल कर लिया है और यह प्रक्रिया लोकतंत्र को मजबूत करने के बजाय वोट कटाने के लिए की जा रही है।
#WATCH | Delhi | On PM Modi's "Drama nahi delivery" jab at Opposition, Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav says, "SIR should be conducted sincerely. Are the deaths of BLOs also a drama?..." pic.twitter.com/XVzVbEnpxS
— ANI (@ANI) December 1, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए सांसदों और युवा नेताओं को अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में केवल नारेबाजी नहीं, बल्कि नीति और कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सदस्यों से अपील की कि नकारात्मकता को नियंत्रित करके राष्ट्र निर्माण पर ध्यान दें।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल के समय में सदन का इस्तेमाल चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक गुस्से के लिए किया गया है, जबकि सांसदों को अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि देश नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है और सभी दलों को मिलकर राष्ट्रहित पर ध्यान देना चाहिए।