नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल कंपनियों के लिए बड़ा निर्देश जारी किया है। अब देश में निर्मित या आयात किए जाने वाले सभी स्मार्टफोन्स में ‘संचार साथी’ एप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है।

नए आदेश की प्रमुख बातें
28 नवंबर को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, 90 दिनों के भीतर भारत में बिक्री के लिए आने वाले सभी मोबाइल फोन में संचार साथी एप पहले से मौजूद होना चाहिए। यह एप फोन सेटअप के दौरान आसानी से दिखे और इसे हटाया या बंद न किया जा सके। आदेश सभी कंपनियों पर लागू होगा, चाहे वह एपल, सैमसंग, गूगल, शाओमी, वीवो या कोई अन्य ब्रांड हो।

पुराने स्मार्टफोन्स पर भी लागू
जिन मोबाइल फोन्स का उत्पादन पहले से हो चुका है या जो स्टोर में उपलब्ध हैं, उनमें भी यह एप अपडेट के जरिए जोड़ना अनिवार्य होगा। कंपनियों को 120 दिनों के भीतर दूरसंचार विभाग में इसकी रिपोर्ट जमा करनी होगी।

संचार साथी एप की आवश्यकता
यह एप मोबाइल सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए उपयोगकर्ता IMEI नंबर की जांच कर सकते हैं, खोए या चोरी हुए फोन की रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं और फर्जी कॉल या धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं। सरकार ने बताया कि IMEI से छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है, जिसमें 3 साल की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

कंपनियों के लिए सख्त निर्देश
सरकार ने कहा है कि कंपनियां सुनिश्चित करें कि संचार साथी एप डिवाइस पर आसानी से दिखाई दे और इसके फीचर्स को छुपाया या बंद न किया जा सके। आदेश का पालन न करने पर दूरसंचार अधिनियम 2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

दूसरा बड़ा आदेश: एप-आधारित सेवाओं पर भी सख्ती
इससे पहले सरकार ने वाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसी एप-आधारित सेवाओं के लिए भी नए नियम जारी किए थे। अब इन एप्स को उपयोगकर्ता के एक्टिव सिम से हमेशा लिंक रखना होगा। वेब वर्जन हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा और दोबारा लॉगिन के लिए QR कोड स्कैन करना होगा। इन कंपनियों को भी 120 दिनों में ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी।