मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून हाइवे पर बने ढाबों और होटलों में बाल श्रमिकों की जांच के दौरान टीम को कमरों में रहने वाले युवाओं और युवतियों के पांच जोड़े मिले। पूछताछ के बाद सभी युवतियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया, जबकि पांच युवकों समेत कुल सात लोगों को नई मंडी कोतवाली ले जाया गया।

मंगलवार को बाल श्रम प्रवर्तन अधिकारी बालेश्वर सिंह, एएचटीयू थाना प्रभारी जय सिंह भाटी, बाल कल्याण अधिकारी रीना पंवार, और विधिक प्राधिकरण के गौरव मलिक की टीम बाल श्रमिकों के काम करने की सूचनाओं के आधार पर ढाबों और होटलों की जांच के लिए हाइवे पर निकली थी।

पचैंडा बाइपास के पास एक ढाबे पर पहुंची टीम को वहां एक बालक दौड़ते हुए पीछे वाले गेट की ओर जाता दिखा। बालक मौके से भाग गया, लेकिन जांच के दौरान टीम ने ढाबे में छह बंद कमरे पाए। कमरों की तलाशी लेने पर युवाओं और युवतियों के पांच जोड़े मौजूद मिले।

सूचना मिलने पर नई मंडी कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची और युवतियों के परिजन बुलाए गए। सभी युवतियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। वहीं, पांच युवक और ढाबा मालिक व मैनेजर को हिरासत में लेकर कोतवाली लाया गया।

एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों के खिलाफ शांति भंग का चालान दर्ज किया गया है।