‘राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप वापस ले सकते हैं अदाणी के खिलाफ रिश्वतखोरी मामला’, अमेरिकी वकील

भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों को लेकर भारतीय अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद अदाणी के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले को वापस ले सकते हैं। 

रवि बत्रा ने कहा कि हर नए राष्ट्रपति के पास एक नई टीम होती है। डोनाल्ड ट्रंप 47वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर किसी भी ऐसे मुकदमे और मामलों को निष्प्रभावी कर सकते हैं जो विरोधी को निशाना बनाने के लिए कानून का सहारा लेने पर आधारित है। कानून का अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करना अमेरिका के संघीय संविधान द्वारा दी गई कानून के समान संरक्षण की गारंटी के लक्ष्य को नकारता है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को गौतम अदाणी भारतीय सरकार के साथ उठा सकते हैं और अनुरोध कर सकते हैं कि वह इस पर ट्रंप प्रशासन से बात करे। यदि आपराधिक या दीवानी आरोपों को बेबुनियाद या दोषपूर्ण माना जाता है तो राष्ट्रपति ट्रंप का नया न्याय मंत्रालय और एसईसी (प्रतिभूति और विनिमय आयोग) आपराधिक और दीवानी मामलों को वापस ले सकता है।  

वहीं अदाणी के खिलाफ रिश्वतखोरी का आरोप अमेरिकी कानूनों के देश के बाहर लागू होने से भी जुड़ा है। क्योंकि भारतीय उद्योगपति और मामले के अन्य आरोपी यहां नहीं रहते हैं। ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। 

यह लगाए गए थे आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने न्यूयॉर्क की अदालत में दावा किया था कि दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी और अन्य साथियों ने अपने फायदे के लिए निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रची। अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि 2020 और 2024 के बीच अदाणी कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और अमेरिका स्थित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों से 200 करोड़ डॉलर से अधिक बैंक ऋण जुटाया।

अदाणी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिये बड़े पैमाने पर राज्य ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने और वित्तपोषित करने की साजिश रची। उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए रिश्वत दी। इससे अदाणी समूह को अगले बीस वर्षों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था।

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